निबंध गद्य लेखन की ऐसी विधा है जिसमें लेखक अपने विचारों को सुव्यवस्थित और क्रमबद्ध तरीके से पाठकों के सामने रखता है।
निबंध’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- नि+बंध।
इसका अर्थ है भली प्रकार से बंधी हुई रचना।
अर्थात् वह रचना जो विचारपूर्वक,क्रमबद्ध रूप से लिखी गई हो।
निबंध के कई प्रकार हो सकते हैं लेकिन अकादमिक दृष्टि से देखें तो निबंधों को निम्न भागों में बाँटा जा सकता है जैसे –
वर्णनात्मक: इस प्रकार के निबंधों में किसी स्थान, त्योहार, प्राकृतिक दृश्य, पर्य़टन स्थल, यात्रा, मेला, घटना आदि का वर्णन किया जाता है।
विवरणात्मक: इस प्रकार के निबंधों में किसी विशेष घटना,संस्मरण, काल्पनिक घटनाओं आदि का वर्णन किया जाता है।
भावात्मक: ऐसे निबंधों में मन में उपजने वालों भावों का भावपूर्ण वर्णन किया जाता है। जैसे- द्वेष, आलोचना, मित्रता, क्रोध, प्रेम आदि।
विचारात्मक: इस प्रकार के निबंधों में विचारों और तर्कों की प्रधानता रहती है। साहित्य, समाज, धर्म, दर्शन आदि विषयों का वर्णन लिखने वाला अपने दृष्टिकोण से करता है।
उक्ति या किसी कथन पर आधारित: ऐसे निबंधों में मुहावरे,लोकोक्ति या कोई प्रसिद्ध पंक्ति का कथन लेकर निबंध की रचना की जाती है जिसे कर भला तो हो भला, पर उपदेश कुशल बहुतेरे, दया धर्म का मूल है आदि।
अच्छा निबंध लिखने के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखें:
एकसूत्रता निबंध का आधार है। यहाँ एकसूत्रता से तात्पर्य दिए गए विषय को क्रमानुसार और सुव्यवस्थित ढंग से लिखने से है।
अपने विचारों को क्रमानुसार सुव्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाना चाहिए इसलिए निबंध लेखन के पूर्व विषय पर भलीभांति विचार कर लेना चाहिए। एकसूत्रता के लिए सबसे पहले-
- निबंध को शीर्षकों (points) में बाँट लेना चाहिए।
- इन शीर्षकों को उपशीर्षकों (Subtitles) में बाँट लेना चाहिए।
- उपशीर्षकों में न बाँट पाओ तो कम-से कम निबंध को आरंभ (Introduction), मध्यभाग (Body) उपसंहार (Conclusion) इन तीन शीर्षकों में बाँटना पर्याप्त है।
भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए।
शब्द सीमा का ध्यान रखना चाहिए।
विचारों की पुनरावृत्ति से बचना चाहिए।
लिखने के बाद उसे पढ़िए,उसमें आवश्यक सुधार कीजिए।
भाषा संबंधी त्रुटियाँ दूर कीजिए।
वर्तनी शुद्ध होनी चाहिए।
विराम-चिह्नों का उचित प्रयोग किया जाना चाहिए।
कोई उपयुक्त कथन याद हो तो उसे यथास्थान जोड़ना चाहिए।
पहले बात करें इसकी भूमिका पर-
भूमिका : निबंध का आरंभ सशक्त व प्रभावशाली होना चाहिए। आरंभ में विषय का अर्थ,किसी उक्ति अथवा कविता की पंक्ति का प्रयोग करना चाहिए। यहाँ पर कालाधन विषय का अर्थ स्पष्ट करते हुए,विषय के महत्त्व को स्पष्ट किया जा सकता है।
आरंभ/प्रस्तावना/भूमिका (Introduction) : काला धन वह धन है जिसे सरकारी टैक्स की अदायगी से बचने के लिए अत्यंत गुप्त और गोपनीय बनाकर रखा जाता है, इस धन को कहीं भी लिखित रूप से उजागर नहीं किया जाता है ....
अब बात करें इसके मुख्य भाग की -
मुख्य भाग (Body) : विषय से संबंधित हर मुद्दे को विस्तारपूर्वक स्पष्ट करें। विषय से संबंधित गुण-अवगुण का भी वर्णन करें। निबंध के बीच-बीच में महान व्यक्तियों के कथनों,सूक्तियों आदि का प्रयोग करके उसे स्पष्ट कीजिए।
काला धन निबंध के मुख्य भाग को निम्नलिखित तीन उपशीर्षकों (Subtitles)में बाँटकर सविस्तार लिख सकते हैं जैसे –
Ø काला धन जमा क्यों और कैसे किया जाता है?
Ø काला धन का इस्तेमाल लोग किसलिए करते हैं?
Ø काले धन से होने वाले दुष्परिणाम
Ø काला धन जमा क्यों और कैसे किया जाता है?
- धार्मिक संस्थाओ को, शिक्षण संस्थाओं आदि को दिए जाने वाले चंदे के रूप में...
- सट्टेबाज़ी क्रिकेट इत्यादि खेलो में...
- शेयर बाजार की नकली कम्पनियों द्वारा...
- सोना-चाँदी, हीरे-जवाहरातों, बहुमूल्य पत्थरों, भूमि, मकान, व्यापारिक परिसंपत्तियों आदि के रूप में...
Ø काला धन का इस्तेमाल लोग किसलिए करते हैं?
- राजनैतिक पार्टियों द्वारा चुनावों में ...
- अवैध कारोबार ...
- नशे के व्यापार...
- ऐशों आराम के सामान जुटाने में ...
Ø काले धन से होने वाले दुष्परिणाम
- देश की अर्थव्यस्था को नुकसान...
- अमीरी और गरीबी की रेखा में अंतर का बढ़ते जाना...
- देश के समुचित विकास में रुकावट...
अब बताएँ काला धन निबंध की समाप्ति किस तरह की जाए-
उपसंहार (Conclusion) : अंत यानी निष्कर्ष/उपसंहार में प्रभावशाली बात कहना अनिवार्य है। यदि कोई समस्या के बारे में निबंध है तो उसका समाधान देते हुए निबंध का अंत कर सकते हैं सारे निबंध का सार उसमें आ जाना चाहिए। किसी उक्ति अथवा कविता की पंक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
काला धन निबंध समस्यात्मक विषय होने के कारण इस समस्या का समाधान देते हुए उपसंहार (Conclusion) लिख सकते हैं जैसे -
Ø काला धन रोकने के उपाय...
- चुनावों में बड़ी कंपनियों पर चुनाव में राजनीतिक दलों को चंदा देने पर रोक लगाना..
- चुनाव में बेहिसाब खर्च की प्रवृत्ति पर रोक लगाना...
- काले धनधारियों से यह अपेक्षा करना कि वे स्वत: तथा स्वेच्छापूर्वक अपने काले धन को प्रकट कर दें...
- तस्करी की रोकथाम...
- भारत से बाहर जितना भी धन भारतीयों का है, उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर देना. इससे कोई भी विदेशी बैंक उस पैसे को अपने पास नही रख पाएगा...
- सारे बड़े लेन-देन बैंकिंग चैनल से या डिजिटल तरीक़े से हो आदि...
उपर्युक्त सभी बातों का विद्यार्थी यदि ध्यान रखते हैं तो वे एक प्रभावशाली और आकर्षक निबंध लिख सकते हैं। वैसे भी किसी ने कहा है कि गहरे पानी में पैठने से ही मोती प्राप्त होता है अर्थात् जितना तुम शब्दों के सागर में गहराई में गोता लगाओगे उतना ही शब्दों का भंडार प्राप्त करते जाओगे। अत: नित अभ्यास,नित नवीनवाचन और नित लेखन निबंध लेखन की कुंजी हैं। जितना अधिक प्रयास उतना प्रभावशाली लेखन।
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