पत्र लेखन एक ऐसी कला है जिसमें हम अपनी मन की भावनाओं को शब्दों के जरिए पहुँचाते हैं। कभी-कभी ऐसा भी होता है जब हम अपने मन में उठने वाले विचार और भावनाएँ व्यक्ति के सामने प्रकट नहीं कर पाते, उन्हीं भावनाओं और विचारों को हम पत्र के माध्यम से आसानी से व्यक्त कर सकते हैं। पत्रों के माध्यम से शब्दों द्वारा व्यक्त की गई भावना हमेशा हमारे पास रह जाती है। पत्र दिलों को जोड़ने का,सूचनाओं के आदान-प्रदान का, समाज में जागृति फैलाने,अपनी बात सब तक पहुँचाने का सबसे अच्छा माध्यम है। इन पत्रों को हम जब चाहे,जितनी बार चाहे उतनी बार पढ़ सकते हैं और आनंद उठा सकते हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के दौरान तो ये पत्र आजादी के लड़ाई का एक हथियार रहे हैं। पत्रों के जरिए ही स्वतंत्रता सेनानी सूचनाओं का आदान-प्रदान करते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनी बेटी इंदिरा को लिखे गए पत्र तो अपने आप में अनूठे थे। ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ शीर्षक से उन्होंने न जाने कितने पत्र अपनी बेटी इंदिरा को लिखें। इन पत्रों में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी बेटी को समझाने की कोशिश की है कि यह धरती कैसे बनी, सौरमंडल क्या है, इंसान और पशुओं का जीवन कैसे शुरू हुआ और दुनिया भर में सभ्यताएँ कैसे अस्तित्व में आईं और विकसित हुईं।
इन पत्रों में जवाहरलाल नेहरू ने नन्हीं इंदिरा को ऐतिहासिक,पौराणिक, भाषा, विज्ञान, देश-विदेश आदि की न जाने कितनी की गूढ़ बातें सरल ढंग से समझा दी। आज भले ही दूरसंचार क्रांति के कारण मोबाइल जैसे सुलभ-साधन
आ गए हों पर फिर भी पत्रों का महत्त्व कम नहीं हुआ है। आज भी घनिष्ठ संबंधों को संजोने के लिए सरकारी और व्यावसायिक कार्यों के लिए पत्रों की ही आवश्यकता होती है। अत: पत्र अभिव्यक्ति का एक सशक्त और सरल माध्यम है।
पत्र प्रमुख रूप से दो प्रकार के होते हैं-
औपचारिक पत्र - ऐसे पत्र जो सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी, प्रधानाचार्य, प्रकाशक, व्यावसायिक संस्थाओं के अधिकारी, दुकानदारों आदि को लिखे जाते हैं, औपचारिक पत्रों की श्रेणी में आते हैं।
अनौपचारिक पत्र - ऐसे पत्र जो घनिष्ठ संबंधियों, मित्रों, परिचितों आदि को लिखे जाते हैं, अनौपचारिक पत्र कहलाते हैं। इन्हें व्यक्तिगत पत्र भी कहा जाता है।
अच्छा पत्र लिखने के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखें:
प्रभावी लेखन : आपका पत्र प्रभाव डालने वाला हो।
सरल भाषा शैली : सरल भाषा का उपयोग करें जिसे पढ़ने वाला समझ पाएँ।
संक्षिप्तता : पत्र हमेशा संक्षेप में लिखने चाहिए अनावश्यक विस्तार न करें।
क्रमबद्धता : पत्र को विषयानुसार क्रम से लिखें।
वर्तनी की शुद्धि : पत्रों में मात्राओं और विरामचिह्नों की गलतियाँ न करें।
प्रेषक का पता (From Address)
दिनाँक (Date)
अमर कौशिक
मकान नं. 10
राजविहार
नई दिल्ली
दिनाँक : 18 जुलाई 20XX
पत्र प्राप्तकर्ता अधिकारी की उपाधि (To)
पत्र प्राप्तकर्ता अधिकारी कापता (Address)
सेवा में,
मुख्य डाकपाल
मुख्य डाकघर
कश्मीरी गेट
विषय (Subject)
नई दिल्ली
विषय : डाक की उचित व्यवस्था के लिए आग्रह।
संबोधन (Salutation Or Greeting)
माननीय महोदय
मैं आपका ध्यान अपने क्षेत्र, राज विहार, में डाक- वितरण की अवस्था की ओर दिलाना चाहता हूँ। इस क्षेत्र में डाक-वितरण की व्यवस्था नितांत शोचनीय है। कुछ दिनों से इस क्षेत्र की डाक समय पर नहीं मिल रही है। साधारण पत्र भी दो सप्ताह के बाद प्राप्त होते हैं। कई बार पता सही और स्पष्ट लिखा होने के बावजूद पत्र गलत जगह पड़े हुए मिले है। डाक सही समय पर न मिलने पर कई लोगों को महत्त्वपूर्ण और जरुरी सूचनाओं से वंचित होना पड़ा। किसी को मृत्यु की खबर से वंचित तो किसी को अपने नौकरी के साक्षात्कार से ही हाथ धोना पड़ा।
पत्र का मुख्य विषय (दो अनुच्छेदों में)
आशा है कि आप शीघ्र उपर्युक्त बातों पर ध्यान देकर उचित कार्यवाही करें ताकि डाकिया फिर ऐसी लापरवाही न करे।
भवदीय
प्रेषक का नाम
सधन्यवाद
भवदीय
अमर कौशिक
प्रेषक का पता (From Address)
दिनाँक (Date)
दिल्ली पब्लिक स्कूल
अहमदाबाद
दिनाँक - 5 मार्च 2013
संबोधन,अभिवादन(Salutation Or Greeting)
प्रिय मोहित,
स्नेह।
मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ। कल ही पिताजी का पत्र मिला। घर के सभी लोगों की कुशलता के साथ-साथ तुम्हारा उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम भी ज्ञात हुआ।
यह तुम्हारे कड़ी मेहनत का ही परिणाम है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम भविष्य में भी इसी तरह सफलता अर्जित करोगे। र्इश्वर से यही प्रार्थना है कि सफलता सदैव तुम्हारे कदम चूमे। पत्र के साथ ही पुरस्कार स्वरूप तुम्हारे लिए कुछ शालेय सामग्री और तुम्हारे पसंदीदा लेखक ‘प्रेमचंद’ की कहानी की किताबें भेज रहा हूँ।
पत्र का मुख्य विषय (तीन अनुच्छेदों में)
माँ और पिताजी को प्रणाम, चीनी को प्यार कहना।
प्रेषक का नाम
तुम्हारा बड़ा भार्इ
अमोल
अंत में उपर्युक्त सभी बातों का ध्यान रखते यदि विद्यार्थी पत्र लेखन करें तो वे एक आकर्षक और प्रभावशाली पत्र लिख सकते हैं और साथ ही अपनी परीक्षाओं में अच्छे अंकों की प्राप्ति कर सकते हैं।
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