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How to score full marks in CBSE Class 10 Hindi

 

भाषा हमारे विचारों के आदान-प्रदान का महत्त्वपूर्ण साधन है। भाषा के द्वारा ही हम किसी व्यक्ति के भावों, विचारों के साथ-साथ उसके व्यक्तित्व व पारिवारिक-पृष्भूमि का परिचय प्राप्त करते हैं। भाषा ही मनुष्य को सभ्य, संस्कारी और ज्ञानी

बनाती है। पुस्तकीय शिक्षा हो या व्यावहारिक शिक्षा भाषा द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है।

पुस्तकीय शिक्षा में सबसे पहला और अहम् पड़ाव दसवीं कक्षा का आता है।दसवीं कक्षा में कदम रखते ही अच्छे अंकों की प्राप्ति कैसे करें यही प्रश्न मन में

उमड़ता-घुमड़ता रहता है। सभी चाहते हैं कि वह अच्छे अंक प्राप्त करें। सभी विषयों की तैयारी के साथ बात जब हिन्दी विषय की आती है तो विद्यार्थी तय नहीं कर पाते कि इस विषय की तैयारी कैसे की जाए। क्योंकि यह अभिव्यक्ति का विषय माना जाता है। इसमें आपको अभिव्यक्ति के आधार पर ही अंक दिए जाते हैं।

हिन्दी विषय द्वारा आप अपने कुल प्रतिशत को बढ़ा सकते हैं। और जैसे कि कहा जाता है भाषा ही सारे विषयों की नींव होती है तो फिर इसका ज्ञान तो अति आवश्यक हो जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि किस तरह से आप हिन्दी विषय में अच्छे अंकों की प्राप्ति कर सकते हैं।

  • Exam Paper pattern for CBSE Class 10 Hindi

संकलित परीक्षा (summative assessment) 80

फॉरमैटिव परीक्षा (formative assessment) 20

दसवीं की बोर्ड परीक्षाओं की बात करें तो बोर्ड ने परीक्षा का भार विभाजन 80 अंक और 20 अंकों में विभाजित किया है।जिसका अर्थ है है कि 20 अंक आपके फॉरमैटिव परीक्षा (formative assessment) के और 80 अंक आपके संकलित परीक्षा (summative assessment) के लिए निर्धारित किए गए हैं।

  • प्रश्न पत्र का विभाजन  

कक्षा दसवीं हिन्दी 'अ'  

परीक्षा हेतु भार विभाजन

                        विषयवस्तु                      उप भार  कुल भार

1 

पठन कौशल गद्यांश व काव्यांश पर शीर्षक का चुनाव, विषय-वस्तु का बोध, भाषिक बिंदु/संरचना आदि पर अति लघुत्तरात्मक एवं लघुत्तरात्मक प्रश्न

 

15 

(अ) 

एक अपठित गद्यांश (100 से 150 शब्दों के) (1´2=2) (2×3=6)

8

(ब)

दो अपठित काव्यांश (100 से 150 शब्दों के) (1´3=3) (2×2=4)

7

2 

व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर विषय-वस्तु का बोध, भाषिक बिंदु/संरचना आदि पर प्रश्न।(1´15)

 

15 

1

रचना के आधार पर वाक्य भेद (3 अंक)

03

2

वाच्य (4 अंक)

04

3

पद-परिचय (4 अंक)

04

4

रस (4 अंक)

04

3 

पाठ्यपुस्तक क्षितिज भाग- 2 व पूरकपाठ्यपुस्तक कृतिका भाग-2

 

 

 

 

30 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

(अ) 

गद्य खण्ड 

13 

1 

क्षितिज से निर्धारित पाठों में से गद्यांश के आधार पर विषय-वस्तु का बोध, भाषिक बिंदु/संरचना आदि पर प्रश्न।   (2+2+1)

05

2 

क्षितिज से निर्धारित गद्य पाठों के आधार पर विद्यार्थियों की उच्च चिंतन व मनन क्षमताओं का आंकलन करने हेतु प्रश्न।  (2´4)

08

(ब) 

काव्य खण्ड 

13 

1 

काव्यबोध व काव्य पर स्वयं की सोच की परख करने हेतु क्षितिज से निर्धारित कविताओं में से काव्यांश के आधार पर प्रश्न।   (2+2+1)

05

2 

क्षितिज से निर्धारित कविताओं के आधार पर विद्यार्थियों का काव्यबोध परखने हेतु प्रश्न।   (2´4)

08

(स) 

पूरक पाठ्यपुस्तक कृतिका भाग-2 

 

 

पूरक पुस्तिका 'कृतिका' के निर्धारित पाठों पर आधारित एक मूल्य परक प्रश्न पूछा जाएगा। इस प्रश्न का कुल भार पाँच अंक होगा। ये प्रश्न विद्यार्थियों के पाठ पर आधारित मूल्यों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को परखने के लिए होगा। (4´1)

04

4 

लेखन 

 

 

 

 

 

 

20 

(अ) 

विभिन्न विषयों और संदर्भो पर विद्यार्थियों के तर्कसंगत विचार प्रकट करने की क्षमता को परखने के लिए संकेत बिन्दुओं पर आधारित समसामयिक एवं व्यावहारिक जीवन से जुड़े हुए विषयों पर 200 से 250 शब्दों में किसी एक विषय पर निबंध।(10´1)

10

(ब) 

अभिव्यक्ति की क्षमता पर केन्द्रित औपचारिक अथवा अनौपचारिक विषयों में से किसी एक विषय पर पत्र।  (5´1)

05

(स) 

विषय से संबंधित 25-50 शब्दों के अंतर्गत विज्ञापन लेखन।   (5´1)

05

 

कुल 

 

80 

 

कक्षा दसवीं हिन्दी 'ब' 

परीक्षा भार विभाजन

                        विषयवस्तु                      उप भार  कुल भार

1

पठन कौशल गद्यांश व काव्यांश पर शीर्षक का चुनाव, विषय-वस्तु का बोध, भाषिक बिंदु/संरचना आदि पर लघु एवं अति लघु प्रश्न

 

 

 

15

(अ) 

अपठित गद्यांश (200 से 250 शब्दों का)  (2´4) (1×1)

9

(ब)

अपठित काव्यांश   (2´3)

6

2

व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर विषय-वस्तु का बोध, भाषिक बिंदु/संरचना आदि पर प्रश्न पूछे जाएंगे। (1´15) 

15 

 

 

 

 

15 

1

शब्द व पद में अंतर (2 अंक)

02

2

रचना के आधार पर वाक्य रूपांतर (3 अंक)

03

3

समास (4 अंक)

04

4

अशुद्धि शोधन (4 अंक)

04

5

मुहावरे (2 अंक)

02

3

पाठ्यपुस्तक स्पर्श भाग - 2 व पूरकपाठ्यपुस्तक संचयन भाग-2 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

25 

(अ)

गद्य खण्ड 

10 

1 

विद्यार्थियों की साहित्य को पढ़कर समझ पाने की क्षमता के आकलन पर आधारित पाठ्यपुस्तक स्पर्श के गद्य पाठों के आधार पर लघु प्रश्न   (2+2+1)

05

2 

हिन्दी के माध्यम से अपने अनुभवों को लिखकर सहज अभिव्यक्ति कर पाने की क्षमता का आकलन करने पर आधारित पाठ्य पुस्तक स्पर्श के निर्धारित पाठों (गद्य) पर एक निबंधात्मक प्रश्न       (1´5)

05

(ब)

काव्य खण्ड 

10 

1 

कविताओं के विषय, काव्य बोध, अर्थ, बोध व सराहना को सरल शब्दों में अभिव्यक्ति करने की क्षमता पर आधारित पाठ्यपुस्तक स्पर्श के काव्य खंड के आधार पर लघु प्रश्न   (2+2+1)

05

2 

कविताओं के अपने अनुभवों को लिखकर सहज अभिव्यक्ति कर पाने की क्षमता का आकलन करने पर एक निबंधात्मक प्रश्न     (1´5)

05

(स)

पूरक पाठ्यपुस्तक संचयन भाग-2 

05 

 

पाठों पर आधारित मूल्यों के प्रति संवेदनशीलता पर आधारित पूरक पुस्तिका 'संचयन' के निर्धारित पाठों से एक मूल्य परक प्रश्न     (1´5)

05

4

लेखन 

 

 

 

 

 

25 

(अ) 

संकेत बिंदुओं पर आधारित विषयों एवं व्यावहारिक जीवन से जुड़े हुए विषयों पर 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद  (1´5)

05

(ब) 

अभिव्यक्ति की क्षमता पर केन्द्रित एक अनौपचारिक विषय पर पत्र      (1´5)

05

(स) 

एक विषय 20-30 शब्दों में सूचना लेखन    (1´5)

05

(द) 

किसी एक स्थिति पर 50 शब्दों के अन्तर्गत सवांद लेखन   (1´5)

05

(इ) 

विषय में संबधित 20-25 शब्दों के अन्तर्गत विज्ञापन लेखन   (1´5)

05

 

 

कुल

 

8

हिंदी प्रश्न-पत्र चार भागों में विभाजित रहता है –

अपठित, व्याकरण, पाठ्य पुस्तकीय प्रश्न और रचना कौशल।

  • अपठित : अपठित की तैयारी हेतु नए-नए अनुच्छेदों का वाचन करते रहें और उस पर आधारित प्रश्नों को हल करते रहें। अपठित के शीर्षक का चुनाव करते समय ऐसा शीर्षक चुनिए, जो कम-से-कम शब्दों का हो तथा जिसे पढ़ते ही अपठित के कथ्य पर पूरा प्रकाश पड़ता हो। यद्यपि प्रश्नों के उत्तर अपठित में ही छिपे होते हैं, परंतु जहाँ तक हो सके उत्तर अपनी ही भाषा में लिखने का प्रयास करें।
  • व्याकरण : यह प्रश्न परीक्षा का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग होता है। अत: इस प्रश्न को हल करते समय व्याकरणिक नियमों का ज्ञान होना आवश्यक होता है। यह प्रश्न गणित की तरह ही होता है नियम सही, तो जवाब भी सही, तो अंक भी पूरे। अत: इसका रोज अभ्यास करते रहें।
  • पाठ्यपुस्तक : पाठ्यपुस्तक के प्रश्नों के उत्तर देते समय उत्तर में जितना अनिवार्य है उतना ही लिखें। अनावश्यक विस्तार से बचे। मात्राओं और व्याकरण की अशुद्धि से बचे। सारे बड़े प्रश्नों के उत्तर लिखते समय उत्तर को प्रस्तावना, विषय-प्रवेश और उद्देश्य में विभाजित करके लिखिए।
  • रचना कौशल : यहाँ पर विद्यार्थियों की विभिन्न विषयों पर तर्कसंगत विचारक्षमता,अभिव्यक्ति की क्षमता को परखा जाता है। इस प्रश्न को हल करने के लिए सबसे पहले हर-एक लेखन विधा के नियमों को जान लें।
  • निबंध : समसामयिक विषयों अर्थात् Current topics और व्यावहारिक विषयों की तैयारियाँ कर लें।
  • पत्रलेखन : औपचारिक और अनौपचारिक प्रारूप अर्थात् Formate का अभ्यास कर लें।
  • अनुच्छेद लेखन : विषय पर बिना किसी भूमिका के विचार प्रकट करना चाहिए साथ ही उदाहरण, तर्क-विर्तक आदि से बचना चाहिए।
  • प्रतिवेदन : औपचारिक भाषा की जगह पर आम बोल चाल की भाषा का प्रयोग करें। अनावश्यक शब्दों के प्रयोग से बचें। घटना का सही समय, दिनाँक, स्थान बताएँ।
  • सार लेखन : अवतरण को दो से तीन बार ध्यानपूर्वक पढ़ें और अवतरण के मुख्य भाव से संबंधित वाक्यों तथा शब्दों को रेखांकित कर लें। मुख्य बातों से संबंधित सहायक बातों को भी अलग करना चाहिए। अपनी भाषा में लिखने का प्रयास करें।
  • सूचना लेखन : संस्था का नाम, सूचना जारी करने का दिनाँक, स्पष्ट शीर्षक, आकर्षक नारा, सूचना लेखन के उद्देश्य, सरल वाक्यों में विषय लेखन आदि बातों पर ध्यान दें।
  • संवाद :  संवाद रोचक होने चाहिए। संवाद विषय और पात्र के अनुकूल हों। संवाद लेखन में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग किया जाना चाहिए।
  • विज्ञापन लेखन : विज्ञापन का चित्र रंगीन, बड़ा और आकर्षक हो। वस्तुओं की विशेषताओं क स्पष्ट उल्लेख हो।
  • उपर्युक्त सभी भागों की तैयारी हेतु आप गत वर्ष के प्रश्न-पत्रों को हल करते रहें।

आइए अब हम बात करें जब परीक्षा प्रश्न-पत्र आपके हाथों में हो।

  • प्रश्नपत्र को ध्यान पूर्वक पढ़ें। जब भी आप कोई परीक्षा देते हैं तो उत्तर लिखना शुरू करने से पहले, प्रश्नपत्र को कम से कम दो बार ध्यानपूर्वक पढ़ लें। यह सुनिश्चित कर लें कि प्रश्न क्या है और उसका सही उत्तर क्या होगा। कई बार घबराहट में हम प्रश्न समझ ही नहीं पाते और गलत उत्तर लिख देते हैं।
  • सरलता से कठिनता की ओर अर्थात् प्रश्न-पत्र पढ़ते समय ही यह निश्चित कर लें की आप चारों खण्डों में से किस खंड को पहले करना चाहेंगे। और उसी अनुसार प्रश्न-पत्र के उत्तर लिखें।
  • अपठित गद्यांश पढ़ते समय महत्त्वपूर्ण मुद्दों को रेखांकित कर लें।
  • अपना प्रश्न-पत्र निर्धारित समय से 10 मिनट पहले पूरा कर लें। जिससे कि अंत के 10 मिनट एक बार आप अपने पेपर का अवलोकन कर पाएँ।
  • जहाँ तक हो सके अनावश्यक विस्तार और व्याकरण की अशुद्धियों से बचे।

 

उपर्युक्त सभी बातों पर यदि आप ध्यान देते हैं तो हिन्दी में आप सर्वोच्च अंकों की प्राप्ति कर सकते हैं। 

 

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