CBSE Class 9 Answered
आज के इस युग में अमीर हो या गरीब सबके पास मोबाइल अवश्य मिलेगा। वर्तमान समय में मोबाइल का बोलबाला है। हमाल, चायवाला, पानवाला, सफाई करने वाला और यहाँ तक भीख माँग कर जीवन-यापन करने वाले के पास भी मोबाइल उपलब्ध है। वैज्ञानिक आविष्कार जहाँ एक ओर मानव जाति के लिए वरदान होते हैं, वहीं दूसरी ओर अभिशाप भी साबित होते हैं।
मोबाइल बनाने वाली कंपनियों में स्पर्धा बढ़ गई है। सस्ता यंत्र और सस्ती सेवा ने मिलकर मोबाइल सेवा को गाँव-गाँव घर-घर में पहुँचा दिया है और दूरभाष यंत्र का उपयोग सरकारी कार्यालयों, निजी संस्थानों व घर के अतिथि कक्ष तक सीमित होता जा रहा है। आज मोबाइल के बिना लोगों का जीना दूभर हो जाएगा। इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती कि मोबाइल बिना जीवन कैसा होगा?
मोबाइल का समाज पर अच्छा व बुरा दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ा है। मोबाइल आपसी तालमेल हेतु कम्युनिकेशन का एक अच्छा साधन है। मुसीबत के वक्त मोबाइल बहुत ही उपयोगी बन जाता है। परंतु इसके कारण आज का युवा वर्ग पथभ्रष्ट हो रहा है। स्कूल-कॉलेज, दफ्तर, ट्रेन-बस, जहाँ देखो वहाँ लोग मशगूल हैं, मोबाइल पर बतियाते हुए जिसमें काम की बातें मात्र दस प्रतिशत हैं और नब्बे प्रतिशत बातें फिजूल की। मोबाइल की उत्सर्ग तरंगें शरीर को स्पर्श करती हैं तो, शरीर की कोशिकाओं को क्षति पहुँचती है।
इस लिए जरुरी है कि मोबाइल का उपयोग कम से कम (आवश्यकतानुसार) करें। बच्चों को, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों पर पाबंदी लगाए। कुल मिलाकर मोबाइल का उपयोग सूझ-बूझ से होना चाहिए।