CBSE Class 8 Answered
आजादी
आज़ादी को परिभाषित करना बड़ा ही कठिन कार्य है। हर एक व्यक्ति अपनी बुद्धिनुसार इसे परिभाषित कर सकता है।मेरे अनुसार आज़ादी का अर्थ है आज़ादी और अनुशासन में सामंजस्य स्थापित करना।हम भले ही आजाद क्यों न हो परंतु यदि हम अनुशासित नहीं है तो ज्यादा समय तक आजाद नहीं रह सकते है।साथ ही आज़ादी अपने अनुभवों को साझा करना भी है।अपने अनुभव को साझा कर देश में जो भ्रष्टाचार अनाचार,अत्याचार फैला हुआ है उसको अहिंसक और सामाजिक विचारधारा पर चलते हुए मिटाया जाना मेरी दृष्टि में सही आज़ादी है। आने पीढ़ी को आज़ादी का सही अर्थ समझाया जाय।सामाजिक व सांस्कृतिक परंपराओं का सही अर्थ समझाए जाय। उन्हें प्यार और रिश्तों की अहमियत सिखाए।हमें आजाद हुए तो कई साल हो गए हैं पर हम अभी तक गुलामी की मानसिकता में ही जी रहे है।आज भी हम भाषा,जाति धर्म,रुढ़िवादी विचार धारों से ऊपर नहीं उठ पाएँ हैं।आज भी हम दूसरों की ओर ही ताकते हैं।हम सोचते है कि हमारा पडोसी जब गलत काम करता है तो हम क्यों न करे ? जब हमारा अधिकारी भ्रष्ट है तो हम क्यों न हो? क्यों सरकार कड़े कानून नहीं बनाती? क्यों सरकारी कर्मचारी सही काम नहीं करते। हम कब तक केवल प्रश्न करते रहेंगे। हम क्यों न इन समस्याओं का उत्तर बनें। जब हमारे मन से ये गुलामी की भावनाएँ जाएँगी।जब तक हम अपने मन से अपने आजाद नहीं समझेंगे।जब तक हम ये नई शुरुआत नहीं करते।जब तक हर एक व्यक्ति ईमानदारी,निष्ठा,अनुशासन,लगन से काम नहीं करता तब-तक आज़ादी व्यर्थ है।जिस दिन हम ये बातें समझ जाएँगे तब हम सही अर्थों में आजाद समझे जाएँगे।अत:आज़ादी में संतुलन बहुत अनिवार्य अंग है।हर एक व्यक्ति आज़ादी के साथ अनुशासन का भी महत्त्व समझे तभी देश सही मायनों में आजाद होगा।