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Class 9 NCERT Solutions Hindi Chapter 8 - Laldhay

Laldhay Exercise प्रश्न -अभ्यास

Solution 1

रस्सी यहाँ पर मानव के शरीर के लिए प्रयुक्त हुई है और यह रस्सी कच्ची तथा नाशवान है अर्थात् यह कब टूट जाए कहा नहीं जा सकता है।

Solution 2

कवयित्री इस संसारिकता तथा मोह के बंधनों से मुक्त नहीं हो पा रही है ऐसे में वह प्रभु भक्ति सच्चे मन से नहीं कर पा रहीं है अत: उसे लगता है उसके द्वारा की जा रही सारी साधना व्यर्थ हुई जा रही है इसलिए उसके द्वारा मुक्ति के प्रयास भी विफल होते जा रहे हैं

Solution 3

कवयित्री का घर जाने की चाह से तात्पर्य है प्रभु से मिलना। कवयित्री इस भवसागर को पार करके अपने परमात्मा की शरण में जाना चाहती है।

Solution 4 - क

कवयित्री कहती है कि इस संसार में आकर वह सांसारिकता में उलझकर रह गयी और जब अंत समय आया और जेब टटोली तो कुछ भी हासिल न हुआ अब उसे चिंता सता रही है कि भवसागर पार करानेवाले मांझी अर्थात् ईश्वर को उतराई के रूप में क्या देगी।

Solution 4 - ख

प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति के लिए मध्यम मार्ग अपनाने को कह रही है। कवयित्री कहती है कि मनुष्य को भोग विलास में पड़कर कुछ भी प्राप्त होने वाला नहीं है। मनुष्य जब सांसारिक भोगों को पूरी तरह से त्याग देता है तब उसके मन में अंहकार की भावना पैदा हो जाती है। अत:भोग-त्याग, सुख-दुःख के मध्य का मार्ग अपनाने की बात यहाँ पर कवयित्री कर रही है।

Solution 5

बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललदय ने उपाय सुझाया है कि भोग-विलास और त्याग के बीच संतुलन बनाए रखना, मनुष्य को सांसारिक विषयों में न तो अधिक लिप्त और न ही उससे विरक्त होना चाहिए बल्कि उसे बीच का मार्ग अपनाना चाहिए।

Solution 6

उपर्युक्त भाव निम्न पंक्तियों में व्यक्त हुआ है -

आई सीधी रह से, गई न सीधी राह

सुषम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह !

जेब टटोली, कौड़ी न पाई

माझी को दूँ, क्या उतराई ?

Solution 7

ज्ञानी से कवयित्री का अभिप्राय है जिसने आत्मा और परमात्मा के सम्बन्ध को जान लिया हो। कवयित्री के अनुसार ईश्वर का निवास तो हर एक कण-कण में है परन्तु मनुष्य इसे धर्म में विभाजित कर मंदिर और मस्जिद में खोजता फिरता है। वास्तव में ज्ञानी तो वह है जो अपने अंतकरण में ईश्वर को पा लेता है।

Laldhay Exercise रचना और अभिव्यक्ति

Solution 8 - क

समाज में व्याप्त भेदभाव के कारण निम्न हानियों हो रही है -

1. हिंदू मुस्लिम का झगड़ा इसी भेदभाव की उपज है जिसके परिणाम स्वरूप भारत पाकिस्तान दो देश बने।

2. भेदभाव के कारण ही उच्च और निम्न वर्ग में सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाता।

3. पर्वों के समय अनायास झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

4. आपसी भेदभाव के कारण ही एक वर्ग दूसरे वर्ग को संदेह और अविश्वास की दृष्टि से देखता है। 

5. भेदभाव की उपज से अलगाववाद, उग्रवाद जैसी सामाजिक समस्याएँ पैदा होती है।  

Solution 8 - ख

आपसी भेदभाव को मिटाने के लिए निम्न सुझाव अपनाए जा सकते हैं -

1. आपसी भेदभाव को मिटाने के लिए सबसे पहले उन बातों की चर्चा ही न करें जिससे यह भेदभाव उपजता हो।

2. सरकार अपनी नीतियों के द्वारा आपसी जाति भेदभाव को बढ़ावा न दें।

3. राजनैतिक दल अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं का सहारा न ले।

4. नौकरियों, शिक्षा तथा अन्य किसी भी सरकारी योजनाओं में आरक्षण को बढ़ावा न देकर योग्यता को आधार बनाना चाहिए।

5. स्कूली पाठ्यक्रम भी एकता समता पर आधारित हों। 

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