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Class 9 NCERT Solutions Hindi Chapter 11 - Sumitranandan Pant

Sumitranandan Pant Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution 1

कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' इसलिए कहा है क्योंकि उसकी शोभा अनुपम है। चारों तरफ़ हरियाली के कारण धरती प्रसन्न है। गाँव का प्राकृतिक सौंदर्य सभी के मन को छूता है।

Solution 2

कविता में वसंत ऋतु के सौंदर्य का वर्णन है। इसी ऋतु में में पेड़ों से पत्ते गिरते हैं और उन पर नई कोपलें, पत्तियाँ, फल और फूल आने शुरू होते हैं। फसलों तथा सब्जियों के फलने - फूलने का भी यही समय होता है। 

Solution 3

खेतों में हरियाली छाई हुई है। विविध प्रकार की फसलें  लह्लहा रही है। कहीं फूलों पर रंगीन तितलियाँ मंडरा रही है। चारों ओर फल और फूलों की सुंगंध बिखरी पड़ी है। सूरज की धूप से निखरता सौंदर्य इस हरीतिमा में चमक पैदा करता है इसी हरीतिमा को दर्शाने के किए गाँव को 'मरकत डिब्बे सा खुला' कहा गया है

Solution 4

अरहर और सनई के खेत कवि को ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे वसुधा ने फलियों के रूप में अपनी कमर पर सुनहरी रंग की करधनी बाँध रखी हो।

Solution 5 - क

प्रस्तुत पंक्तियों में गंगा नदी के किनारे फैली रेत को सतरंगी कहा है। पानी की लहरों और हवा के कारण इस पर टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएँ पड़ जाती है, जो सूरज के प्रभाव से चमकने लगती हैं और साँपों के चलने से बने निशानों सी दिखती है।

Solution 5 - ख

हरियाली सूरज के प्रकाश में जगमगाती हुई हँसमुख सी प्रतीत होती है। सर्दी की धूप भी खिली-खिली है ऐसे में लगता है जैसे दोनों आलस्य से भरकर सोए हुए हों।

Solution 6

हरे हरे - पुनरुक्ति अलंकार है।

हिल हरित - अनुप्रास अलंकार है।

तिनकों के तन पर - मानवीकरण अलंकार है।

Solution 7

इस कविता में उत्तरी भारत के गंगा तट पर बसे किसी गाँव का चित्रण हुआ है।

Sumitranandan Pant Exercise रचना और अभिव्यक्ति

Solution 8

प्रस्तुत कविता भाव और भाषा दोनों की ही दृष्टि से अत्यंत सहज और आकर्षक है। प्रस्तुत कविता में प्रकृति का लुभावना और सुन्दर वर्णन हुआ है। कवि ने प्रकृति का मानवीकरण किया है।

कविता की भाषा भी अत्यंत सरल, मधुर तथा प्रवाहमयी  है। अलंकारों का प्रयोग करके कविता के सौंदर्य में और वृद्धि हुई है

Solution 9

         मेरे मुंबई शहर की बरसात

उमस से राहत दिलानेवाली बरसात

खुशियों से सराबोर करनेवाली बरसात

       मेरे मुंबई शहर की बरसात

चाय की चुस्की और गर्म पकौड़ियों वाली बरसात

मरीन ड्राइव पर सागर की अठखेलियोंवाली बरसात

      मेरे मुंबई शहर की बरसात

कीचड़ से लथपथवाली बरसात

सडकों पर ट्रैफिक जामवाली बरसात  

      मेरे मुंबई शहर की बरसात

आपाधापी और रेलमपेलम वाली बरसात

मजदूरों से रोटी, रोजी छिनने वाली बरसात

      मेरे मुंबई शहर की बरसात

आफिस स्कूलों से छुट्टियाँ की आस बढ़ाने वाली बरसात

मन अंतर आत्मा को छूने वाली बरसात

      मेरे मुंबई शहर की बरसात

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