NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 - Akbri Lota
Chapter 14 - Akbri Lota Exercise प्रश्न-अभ्यास
लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया क्योंकि वे अपनी पत्नी का अदब मानते थे। दूसरा वे पत्नी के तेज-तर्रार स्वभाव से भी अवगत थे उन्होंने सोचा कि अभी तो लोटे में पानी मिला है यदि चूँ कर दू तो कहीं बाल्टी में भोजन ना करना पड़े।
दो और दो जोडकर स्थिति को समझना - अर्थात् परिस्थिति को भाँप जाना। लोटा गिरने पर गली में मचे शोर को सुनकर आँगन में एकत्र हो गई। एक अंग्रेज को भीगे हुए तथा पैर सहलाते हुए देखकर लाला समझ गए कि स्थिति गंभीर है और लोटा अंग्रेज को लगा है। इस समय उनका चुप रहना ही ठीक है।
अंग्रेज़ के सामने बिलवासीजी ने झाऊलाल को पहचानने से इनकार कर दिया क्योंकि अंग्रेज़ का क्रोध शांत हो जाए और अंग्रेज़ को ज़रा भी संदेह न हो कि वह लाला झाऊलाल का आदमी है। तथा वह अपनी योजना पूरी करना चाहते थे जिससे पैसे की व्यवस्था हो सकें।
बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबंध अपने ही घर से अपनी पत्नी के संदूक से चोरी कर किया था।
अंग्रेज़ को पुरानी ऐतिहासिक चीज़ें इकट्ठा करने का शौक था। ऐसा इसलिए कह सकते है क्योंकि दुकान से पुरानी पीतल की मूर्तियाँ खरीद रहा था। अंग्रेज़ ने बिलवासी के कहने पर लोटा, अकबरी लोटा समझकर 500 रूपए में खरीदा।
'बिलवासी' जी ने यह बात 'लाला झाऊलाल' से कही क्योंकि बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबंध अपने ही घर से अपनी पत्नी के संदूक से चोरी कर किया था इस रहस्य को वह 'झाऊलाल' के सामने खोलना नहीं चाहते थे।
झाऊलाल के लिए बिलवासीजी ने अपनी पत्नी के संदूक से पैसे चोरी किए थे अब वे अपनी पत्नी के सोने की प्रतीक्षा में थे ताकि वह पैसे चुप-चाप संदूक में रख दे। इसलिए समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उडी थी।
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से निम्न बातें उजागर होती हैं -
1. झाऊलाल की पत्नी को अपने पति झाऊलाल के वादे पर भरोसा नहीं था।
2. उनकी पत्नी ने पहले भी कुछ माँगा होगा परन्तु उन्होंने हाँ करने के बाद भी लाकर नहीं दिया होगा।
3. झाऊलाल कंजूस प्रवृत्ति के हैं।
यदि अंग्रेज़ लोटा नहीं खरीदता तो बिलवासी जी को अपनी पत्नी से चुराए हुए रूपए लाला झाऊलाल को देने पड़ते। अन्यथा झाऊलाल अपनी पत्नी को पैसे नहीं दे पाते और अपनी पत्नी के सामने बेइज्जत होते।
यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता तो सम्भवत: लाला झाऊलाल को गिरफ्तार कर लिया जाता या उन्हें जुर्माना देना पड़ता।
गले से चाबी निकालते समय यदि बिलवासी जी की पत्नी जग जाती तो चोरी जैसा घिनौना काम करने पर उन्हें अपनी पत्नी के समक्ष शर्मिंदा होना पड़ता।
बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह गलत था। अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए किसी को उल्लू नहीं बनाना चाहिए।
Chapter 14 - Akbri Lota Exercise भाषा की बात
1. अब तक बिलवासी जी को वे अपनी आँखो से खा चुके होते।
2. कुछ ऐसी गढ़न उस लोटे की थी कि उसका बाप डमरू, माँ चिलम रही हो।
3. ढ़ाई सौ रूपए तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते हैं।
1. चैन की नींद सोना - (निश्चिंत सोना)
कुख्यात चोर के पकड़े जाने पर पुलिस चैन की नींद सोई।
2. आँखों से खा जाना - (क्रोधित होना)
परीक्षा में कम अंक आने पर माँ ने पुत्र को ऐसे देखा मानो आँखों से ही खा जाएगी।
3. आँख सेंकने के लिए भी न मिलना - (दुर्लभ होना)
हस्तकला से बनी वस्तुएँ तो आजकल आँख सेंकने के लिए भी नहीं मिलती हैं।
4. मारा-मारा फिरना - (ठोकरें खाना)
बेटे आलीशान घर में रहते है और बाप बेचारा मारा-मारा फिरता हैं।
5. डींगे सुनना - (झूठ-मूठ की तारीफ सुनना)
लाला जी घर में तो भीगी बिल्ली है परंतु बाहर अपनी बहादुरी की डींगें मारते फ़िरते हैं।
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