NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 - Sathi Hath Badhana
Chapter 7 - Sathi Hath Badhana Exercise प्रश्न-अभ्यास
यह गीत मजदूरों को संबोधित है।
साथी हाथ बढाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना
साथी हाथ बढाना।
हम मेहनत वालों ने जब भी, मिलकर कदम बढाया
सागर ने रस्ता छोडा, परबत ने सीस झुकाया
फौलादी हैं सीने अपने, फौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें
उपर्युक्त पंक्तियों को हम अपने आसपास के श्रमिक वर्ग की ज़िंदगी में घटते हुए देख सकते हैं। गीत की इन पंक्तियों में कवि बताते है कि अकेला व्यक्ति अगर कुछ पाने का प्रयास करे तो थक जाता है परंतु अगर सब मिल-जुलकर के कार्य करे तो बड़े से बड़े लक्ष्य तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
'सागर ने रस्ता छोडा, परबत ने सीस झुकाया' - इन पंक्तियों द्वारा साहिर जी ने मनुष्य के साहस और हिम्मत को दर्शाया हैं। यदि मेहनत करने वाले मिलकर कदम बढ़ाते हैं तो समुद्र भी उनके लिए रास्ता छोड़ देता है, पर्वत भी उनके समक्ष झुक जाते हैं अर्थात् आने वाली बाधाएँ स्वयं ही टल जाती हैं। इसी हिम्मत के कारण मनुष्य पर्वत को काटकर मार्ग बना पाया, सागर में पुलों का निर्माण कर पाया, चाँद तक पहुँच गया।
मजबूत इच्छाशक्ति के लिए मजबूत सीना आवश्यक है और इन कार्यों को पूरा करने के लिए मजबूत हाथ आवश्यक है। इसलिए कवि ने इस गीत में मजदूर के सीने और बाँह को फ़ौलादी कहा है।
(क) हम घर के काम में सहभागी बनकर इस बात का ध्यान रख सकते है।
(ख) पापा का काम पैसे कमाना व बाहर से चीजें लाना, बिल भरना आदि है। माँ का काम घर की सफाई करना, खाना बनाना आदि है।
(ग) हाँ, वे एक एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं।
Chapter 7 - Sathi Hath Badhana Exercise भाषा की बात
(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की निम्न पंक्तियों से मिलता-जुलता है?
साथी हाथ बढाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना
साथी हाथ बढाना।
हम मेहनत वालों ने जब भी, मिलकर कदम बढाया
सागर ने रस्ता छोडा, परबत ने सीस झुकाया
फौलादी हैं सीने अपने, फौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें
साथी हाथ बढाना।
(ख)
मुहावरा |
अर्थ |
वाक्य |
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता |
मिलजुलकर काम करने से जीवन में प्रगति संभव है। |
किसी ने सच ही कहा है, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता |
एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं |
संगठन में शक्ति होती है। |
यदि हम मिलकर इस योजना पर काम करें तो यह निश्चित ही पूरा होगा क्योंकि एक और एक मिलकर ही तो ग्यारह होते हैं |
(क) हाथ को हाथ न सूझना (अंधेरा होना) - गाँव के रास्तों पर आज भी बिजली की समस्या है, रात को बाहर निकलो तो हाथ को हाथ न सूझे।
(ख) हाथ साफ़ करना (चोरी करना) - शादी वाले घर में सतर्क रहना जरूरी है वरना कोई भी भी हाथ साफ़ कर सकता हैं।
(ग) हाथ-पैर फूलना (डर से घबरा जाना) - सड़क पर चलते-चलते अचानक साँप को देखा तो रामू के हाथ-पैर फूल गए।
(घ) हाथों-हाथ लेना (स्वागत करना) - बेटे के विलायत से लौटने पर माँ-पिताजी ने उसे हाथों-हाथ लिया।
(ड) हाथ लगना (अचानक मिल जाना) मंदिर जाते वक्त चलते-चलते ५०० की नोट मेरे हाथ लग गई।
Kindly Sign up for a personalised experience
- Ask Study Doubts
- Sample Papers
- Past Year Papers
- Textbook Solutions
Sign Up
Verify mobile number
Enter the OTP sent to your number
Change