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Class 6 NCERT Solutions Hindi Chapter 13: Mai Sabse Choti Hou

Mai Sabse Choti Hou Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution 1

घर के सबसे छोटे सदस्य को घर के सभी लोगों का प्यार और दुलार सबसे अधिक मिलता है और खासकर माँ के साथ तो उसका जुड़ाव कुछ ज्यादा ही होता है इसलिए कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना की गई है। 

Solution 2

अपने माँ के स्नेह को हमेशा पाने के लिए, हमेशा उसके ममता के आँचल के साए में रहने के लिए कविता में 'ऐसी बड़ी न होऊँ मैं' कहा गया है। 

Solution 3

कविता में माँ के आँचल की छाया में छिपे रहने की बात कही गई है। 

माँ अपने बच्चों से सबसे अधिक प्यार करती है और उसके इस प्यार के आँचल में बच्चा हमेशा अपने को निर्भय और सुरक्षित समझता है। 

Solution 4

प्रस्तुत पंक्तियों का आशय यह है कि जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं वैसे-वैसे माँ का साथ छूटता जाता है। वह निरंतर हमारे साथ नहीं रह पाती है। 

Solution 5

प्रस्तुत कविता में माँ अपने बच्चे को गोदी में सुलाती है, सदा अपने आँचल के साए में रखती है, खाना, नहाना-धुलाना, सजाना-सँवारना और परियों की कहानियाँ सुनाना अदि कार्य अपने बच्चे के लिए करती है। 

हम बच्चों को भी चाहिए कि हम अपनी माँ की हर बात को ध्यान पूर्वक सुनें और उस पर अमल भी करें। छोटी-छोटी बातों से उसे परेशान न करें। हम ऐसा कोई कार्य न करे जिससे उसे किसी भी प्रकार का कोई दुःख पहुँचे।

Solution 6

इस कविता में बालिका सबसे छोटी ही रहना चाहती हैं क्योंकि वह अपनी माँ के स्नेह को खोना नहीं चाहती है। वह सदैव अपनी माँ के आँचल तले रहकर निर्भय और सुरक्षित रहना चाहती है। 

Solution 7

नन्हें बच्चे नादान और अबोध होते हैं। उनके लिए उनकी माँ सब-कुछ होती है। उन्हें लगता है उनकी माँ संसार के सारे कार्य कर सकती है इसलिए उन्हें आसमान के सूर्य, चाँद और सितारे माँगने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं होती है। 

Mai Sabse Choti Hou Exercise भाषा की बात

Solution 1

छोड़

छोड़कर 

मोबाइल पर खेलना छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान दो। 

बना

बनाकर 

अक्षरों को बनाकर लिखो। 

फिर

फिरकर 

घूम फिरकर तुम्हारी बातें मुझ पर ही आकर ठहरती है। 

खिला

खिलाकर 

माँ बच्चे को खिलाकर अन्य काम करने लगी। 

पोंछ

पोंछकर 

मैंने पसीना पोंछकर रुमाल ज़ेब में रख दिया।  

थमा

थमाकर 

पोस्टमैन लिफाफा थमाकर चलता बना। 

सुना

सुनाकर 

कक्षा में शिक्षिका जरुरी सूचना सुनाकर चली गई। 

कह

कहकर 

तुम मुझसे कहकर तो देखते। 

दिखा

दिखाकर 

राहुल अपना परिणाम-पत्रक दिखाकर रोने लगा। 

 

Solution 2

हाथ - कर, हस्त 

सदा - हमेशा, निरंतर 

मुख - मुँह, आनन 

माता - माँ, जननी 

स्नेह - प्रेम, प्यार 

Solution 3

सुबह-शाम - सुबह-शाम माँ परिवार के विषय में ही सोचती रहती है। 

मित्र-शत्रु - आज के युग में मित्र-शत्रु की पहचान मुश्किल है। 

उल्टा-सीधा - तुम्हें इस तरह की उल्टी-सीधी हरकत शोभा नहीं देती है।  

अच्छा-बुरा - संसार में अच्छे-बुरे की पहचान अनिवार्य है। 

सुख-दुःख - सुख-दुःख जीवन की सच्चाई है। 

Solution 4

निडर, निरोग, निकम्मा, निरक्षर, निर्बल। 

Solution 5

ऐसी बड़ी न होऊँ मैं 

तेरा स्नेह न खोऊँ मैं, 

तेरे अंचल की छाया में 

छिपी रहूँ निस्पृह, निर्भय। 

मैं इस प्रकार बड़ी नहीं होना चाहती जिससे तुम्हारा स्नेह छूट जाए। मैं तुम्हारी आँचल की छाया में निर्भय होकर रहना चाहती हूँ।