NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 10 - Jhansi Ki Rani
Chapter 10 - Jhansi Ki Rani Exercise प्रश्न-अभ्यास
इस पंक्ति में झाँसी के राजा और रानी लक्ष्मीबाई के पति गंगाधर राव की आकस्मिक मृत्यु की ओर संकेत किया है।
रानी लक्ष्मीबाई के पति गंगाधर राव की आकस्मिक मृत्यु हो जाने के कारण रानी के जीवन में काली घटा घिरने की बात की गई है। राजा की मृत्यु के कारण रानी असमय विधवा हो गई और साथ ही राजा की अपनी संतान न होने के कारण अंग्रेजों को झाँसी पर कब्ज़ा करने का मौका मिल गया था।
हमारे भारत वर्ष के गुलाम होने के कारण एक तरह से चारों ओर मायूसी वाला वातावरण बन गया था। भारतीय वीरों का साहस कमजोर हो गया था। सभी अपने को असहाय महसूस करने लगे थे। ऐसा लगता था मानो सारा देश ही बूढ़ा हो गया है परन्तु ऐसे बोझिल वातावरण में झाँसी की रानी के आने से देश में एक नए उमंग का वातावरण बन गया। लोगों में संघर्ष की नई भावना जागृत हुई। एक बार लोग पुन: स्वतंत्रता प्राप्ति की ओर प्रयत्न करने लगे। यही बात सुभद्राकुमारी चौहान उपर्युक्त पंक्ति द्वारा बताना चाहती है।
झाँसी की रानी का नाम लक्ष्मीबाई था। बचपन में उन्हें छबीली नाम से पुकारा करते थे। वे अपने पिता की एकलौती संतान थी। वे कानपूर के नाना साहेब की मुँहबोली बहन थी। लक्ष्मीबाई बचपन से ही वीर और साहसी थी। लक्ष्मीबाई का विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव से हुआ। परन्तु राजा की आकस्मिक मृत्यु से रानी के ऊपर संकटों के बादल लहराने लगे। अँग्रेज सरकार राजा की नि:संतानता का लाभ उठाकर झाँसी पर कब्ज़ा करना चाहते थे परन्तु रानी ने इसका पुरजोर विरोध किया और अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी।
लक्ष्मीबाई का बचपन अन्य बच्चों से भिन्न था। उनकी उम्र के बच्चे खिलौने से खेलते थे परन्तु उनके खिलौने बरछी, ढाल, कृपाण जैसे हथियारों थे। वे बचपन से ही नकली युद्ध का खेल, शिकार करना, दुश्मनों के लिए चक्रव्यूह की रचना करना आदि युद्ध से संबंधित खेल ही खेला करती थी।
इस प्रकार उनका बचपन हम बच्चों से भिन्न था।
इस कहानी में वीर शिवाजी, नाना धुंधूपंत, पेशवा, तातियाँ, अजीमुल्ला, अहमद शाह मौलवी, ठाकुर कुँवरसिंह, सैनिक अभिराम आदि अनेक वीर पुरुषों के नाम आए हैं।
कविता में स्वाधीनता संग्राम के प्रथम दौर की बात है।
कविता से उस समय के माहौल के बारे में यह पता चलता है कि अँग्रेजों ने धीरे-धीरे से अपना साम्राज्य हमारे देश में फैला लिया था। उस समय भी हमारे देश में स्वतंत्र होने की भावना के बीज फूटे जरुर थे परन्तु संघटन का अभाव, राजाओं की स्वार्थ प्रवृत्ति, आपसी फूट आदि के कारण हमारा आंदोलन सफल न हो पाया। ऐसे विषम वातावरण में भी झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई और कुछ अन्य वीरों ने स्वतंत्रता की चिंगारी को सुलगाने का अभूतपूर्व प्रयास किया।
झाँसी की रानी एक महिला होते हुए भी उनमें पुरुषोचित गुण साहस, वीरता, युद्ध कला में निपुणता निडरता आदि गुण विद्यमान थे। उन्होंने युद्ध भूमि में अंग्रेजों के दाँत खट्टे कर दिए थे उनकी वीरता का लोहा भारतवासियों के साथ अंग्रेजों ने भी माना था। अत: सुभद्रा कुमारी चौहान ने लक्ष्मीबाई के इसी अभूतपूर्व साहस, शौर्य तथा वीरता का परिचय कराने के लिए 'मर्दानी'शब्द का प्रयोग किया है।
आजकल अत्यानुधिक हथियारों जैसे तकनीकी क्षमता से सुसज्जित बंदूकें, टैंक, तोप, मिसाइल, पनडुब्बी, हवाई जहाज, समुद्री जहाज, परमाणु अस्त्र आदि हथियारों का प्रयोग किया जाता है।
आज हमारी भारतीय सेना के तीनों सैन्य दल जल, थल और वायु सेना में हमें लड़कियाँ दिखाई देती है। आज वे इन सेनाओं के उच्च पदों पर कार्यरत हैं। इस सबके बावजूद अभी भी सेना में लड़कियों की संख्या बहुत कम है।
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