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Class 12-commerce NCERT Solutions Hindi Chapter 2 - Aalok Dhanva

Aalok Dhanva Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution 1

पतंग कविता में कवि आलोक धन्वा बच्चों की बाल सुलभ इच्छाओं और उमंगों तथा प्रकृति के साथ उनके रागात्मक संबंधों का अत्यंत सुन्दर चित्रण किया है। भादों मास गुजर जाने के बाद शरद ऋतु का आगमन होता है। धूप के कारण चारों ओर उज्ज्वल चमक बिखर जाती है। हवाओं में एक मनोरम महक फैल जाती है। शरद ऋतु के आगमन से उत्साह एवं उमंग का माहौल बन जाता है। 

Solution 2

पतंग के लिए सबसे हलकी और रंगीन चीज़, सबसेपतला कागज़, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग कर कवि पाठकों मन में जिज्ञासा जगाना चाहते है तथा पतंग की ओर आकर्षित करना चाहते हैं।

Solution 3

 तेज़ बौछारें = दृश्य (गतिशील) बिंब  

 सवेरा हुआ = दृश्य (स्थिर) बिंब 

 खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा = दृश्य (स्थिर) बिंब 

 पुलों को पार करते हुए = दृश्य (गतिशील) बिंब 

 अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए= दृश्य (गतिशील) बिंब 

 घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से = श्रव्य बिंब 

 चमकीले इशारों से बुलाते हुए = दृश्य (गतिशील) बिंब 

 आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए = स्पर्श बिंब 

 पतंग ऊपर उठ सके = दृश्य (स्थिर) बिंब 

Solution 4

बच्चों के पैर कपास की तरह नरम, मुलायम, हलके-फुलके और चोट खाने में समर्थ होते हैं। इसीलिए वे पूरे दिन नाच-कूद करते रहते हैं।

Solution 5

पतंग उड़ाते समय बच्चे रोमांचित होते हैंजिस प्रकार पतंग आकाश में उडती हुई ऊँचाइयाँ छूती है, उसी प्रकार बच्चें भी जैसे छतों पर डोलते हैं। वे किसी भी खतरे से बिलकुल बेखबर होते हैं। एक संगीतमय ताल पर उनके शरीर हवा में लहराते हैं जैसे वे खुद एक पतंग हो गए हैं 

Solution 6

1. 'दिशाओं को मृदंग की बजाते हुए' का तात्पर्य संगीतमय वातावरण की सृष्टि से है।

2. नहीं, जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए छत कठोर नहीं लगती। 

3. खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद हम दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को सक्षम महसूस करते हैं। 

Solution 7

आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर मुझे मन होता है कि मैं पंछी बन स्वच्छन्द नभ में उड़ता फिरूँ।

Solution 8

जब हम किसी कार्य को करने में मग्न हो जाते हैं तब हमारा शरीर जैसे उस कार्य की लय में डूब जाता है इसीलिए कहा गया है - 'रोमांचित शरीर का संगीत'

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