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Class 11-commerce NCERT Solutions Hindi Chapter 4: Sumitranandn Pant [Poem]

Sumitranandn Pant [Poem] Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution 1 - क

आमतौर पर हमें अंधकार, आर्थिक हानि, अपमान, हत्याकांड, प्रियजन की मृत्यु आदि बातों से डर लगता है।

Solution 1 - ख

'उन आँखों' से किसान की ओर संकेत किया गया है।

Solution 1 - ग

कवि को उन आँखों की असीम वेदना से डर लगता है।

Solution 1 - घ

डरते हुए भी कवि ने उस किसान की आँखों की पीड़ा का वर्णन समाज को किसान की स्थिति से अवगत कराने के लिए किया है ताकि लोग किसान के प्रति सहानुभूति रखें और अत्याचारी महाजनों और थानेदारों का पर्दाफाश कर सके।

Solution 1 - ड.

यदि कवि को किसान की आँखों को देखकर भय न लगता, तो शायद उसे उसकी पीड़ा का बोध न होता और कविता न लिखी जाती क्योंकि कविता लिखने के लिए मन में भावों का होना आवश्यक है।

Solution 2

कविता में किसान की पीड़ा के लिए जमींदार, महाजन व कोतवाल को ज़िम्मेदार बताया है। महाजन ने अपना ब्याज और ऋण वसूलने के लिए किसान के खेत, गाय-बैल और घर-बार बिकवा दिया। उसके कारकुनों ने विरोध करने के कारण उसके जवान बेटे को मरवा दिया। दवाई के अभाव में उसकी पत्नी की मृत्यु हो गई और इसी कारण उसकी दूध-मुँही बच्ची की भी मृत्यु हो गई।

Solution 3

उपर्युक्त पंक्ति में किसान के निम्न सुखों की ओर संकेत किया गया है - किसान कभी स्वाधीन था उसके घर के पास लहलहाते खेत थे। दुधारू गाय और हृष्ट-पुष्ट बैलों की जोड़ी थी। घर में उसका एक जवान पुत्र, पत्नी, बेटी और पुत्र-वधू भी थी इस तरह से किसान एक सुखी और संतुष्ट किसान था और इन्हीं सब की स्मृति उसकी आँखों में चमक ला देती थी।

Solution 4 - क

संदर्भ - प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक 'आरोह भाग 1' में संकलित 'वे आँखें' से लिया गया है। इस कविता के रचयिता 'सुमित्रानंदन पंत' हैं। उपर्युक्त पंक्तियों में किसान की उजरी गाय की दुर्दशा का वर्णन किया गया है। 

आशय - कवि कहते हैं कि किसान के पास उजरी नाम की एक गाय थी उस गाय के प्रति किसान का कुछ विशेष स्नेह था वह गाय भी केवल किसान को ही दूध दूहने देती थी।

Solution 4 - ख

संदर्भ - प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक 'आरोह भाग 1' में संकलित 'वे आँखें' से लिया गया है। इस कविता के रचयिता 'सुमित्रानंदन पंत' हैं। यहाँ पर किसान के जवान पुत्र के मरने का संदर्भ है कि किस प्रकार किसान के बेटे को विरोध करने के लिए मार दिया गया। 

आशय - किसान के बेटे को कारकूनों ने मार दिया और उसकी मृत्यु का आरोप जमींदार और पुलिस की मिलीभगत से उसकी पत्नी पर मढ़ दिया गया। उसके मरने में उसकी पत्नी का कोई दोष नहीं था फिर भी समाज ने उसे पति घातिन करार दे दिया जबकि वह विधवा होते हुए भी लक्ष्मी के समान थी। वही कमाकर घर चला रही थी।

Solution 4 - ग

संदर्भ - प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक 'आरोह भाग 1' में संकलित 'वे आँखें' से लिया गया है। इस कविता के रचयिता 'सुमित्रानंदन पंत' हैं। यहाँ पर किसान के पूर्व सुखों के बारे में बताया गया है। 

आशय - किसान जब अपने पूर्व वैभव को याद करता है तो क्षण भर के लिए उसे सुख और आनंद का अनुभव होता है। उसकी आँखों में चमक उभर आती है परंतु किसान का यह सुखद अहसास क्षण भर में विलीन भी हो जाता है और उसे तीखी नोक की भाँति वह सारी सुख की बातें चुभने लगती है।

Solution 5

प्रस्तुत कविता में स्त्री की स्थिति बड़ी ही दयनीय बताई गई है। विधवा स्त्री से सहानुभूति रखने की अपेक्षा उसे पति की हत्यारिन करार दिया जाता है। कोतवाल उसे बिना किसी कारण के धमकाता है और उसके साथ कुकर्म करने से भी नहीं चुकता। उसे इतना पीड़ित किया जाता है कि वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दी जाती है। 

वर्तमान युग की बात करें तो स्त्रियों की स्थिति पहले की तुलना में कई बेहतर है। आज एक बार लगभग सभी देशों में स्त्री पुनः अपनी शक्ति का लोहा मनवा रही है। हम कह सकते हैं कि आज का युग स्त्री-जागरण का युग है। भारत में तो सर्वोच्च राष्ट्रपति पद की कमान भी स्त्री ने सँभाली है। शिक्षा, साहित्य, कला, विज्ञान, चिकित्सा, शासन कार्य और यहाँ तक कि सैनिक बनकर देश की रक्षा के लिए मोर्चों पर जाने में भी वे पीछे नहीं रही है। अब स्त्री अबला नहीं अपराजिता है और उसकी जीत में पुरुषों का योगदान ठीक वैसे ही है जैसे एक पुरुष की जीत में स्त्री का हाथ होता है।

Solution 6

किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं इस विषय पर निम्न मुद्दों के आधार पर परिचर्चा कर सकते हैं - 

1. खेती व्यावसायिक दृष्टिकोण से लाभ-प्रद नहीं रह गई है। 

2. इस व्यवसाय में अधिक परिश्रम की आवश्यकता होती है जिसे आज का पढ़ा-लिखा और युवावर्ग नहीं करना चाहता है। 

3. सरकार का कृषि के प्रति उदासीन रवैया। 

4. अनाज की बिक्री की समुचित व्यवस्था का अभाव।

कृषि व्यवसाय से पलायन के निम्न कारण हैं -  

1. कम आय होना 

2. घोर परिश्रम के बाद भी सफलता न मिलना 

3. समाज में उचित सम्मान न मिलना 

4. प्रकृति और वर्षा पर निर्भरता 

5. नुकसान की भरपाई की सुविधा का अभाव आदि कारण भी लोग कृषि से पलायन कर रहें हैं।