NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10 - Swaya Prakash
Chapter 10 - Swaya Prakash Exercise प्रश्न-अभ्यास
चश्मेवाला कभी सेनानी नहीं रहा परन्तु चश्मेवाला एक देशभक्त नागरिक था। उसके हृदय में देश के वीर जवानों के प्रति सम्मान था। वह अपनी ओर से एक चश्मा नेताजी की मूर्ति पर अवश्य लगाता था उसकी इसी भावना को देखकर लोग उसे कैप्टन कहते थे।
हालदार साहब इसलिए मायूस हो गए कि कैप्टन अब मर चुके हैं और उसके समान अब देश प्रेमी कोई बचा न था। नेताजी जैसे देशभक्त के लिए उसके मन में सम्मान की भावना थी। उसके मर जाने के बाद हालदार साहब को लगा कि अब समाज में किसी के भी मन में नेताजी या देशभक्तों के प्रति सम्मान की भावना नहीं है।
मूर्ति पर लगे सरकंडे का चश्मा इस बात का प्रतीक है कि आज भी देश की आने वाली पीढ़ी के मन में देशभक्तों के लिए सम्मान की भावना है। भले ही उनके पास साधन न हो परन्तु फिर भी सच्चे हृदय से बना वह सरकंडे का चश्मा भी भावनात्मक दृष्टि से मूल्यवान है। अतः उम्मीद है कि बच्चे गरीबी और साधनों के बिना भी देश के लिए कार्य करते रहेंगे।
उचित साधन न होते हुए भी किसी बच्चे ने अपनी क्षमता के अनुसार नेताजी को सरकंडे का चश्मा पहनाया। यह बात उनके मन में आशा जगाती है कि आज भी देश में देश-भक्ति जीवित है भले ही बड़े लोगों के मन में देशभक्ति का अभाव हो परन्तु वही देशभक्ति सरकंडे के चश्मे के माध्यम से एक बच्चे के मन में देखकर हालदार साहब भावुक हो गए।
देशभक्तों ने देश को आज़ादी दिलाने के लिए अपना सर्वस्व देश के प्रति समर्पित कर दिया। आज जो हम स्वत्रंत देश में आज़ादी की साँस ले रहे है यह उन्हीं के कारण संभव हो पाया है, उन्हीं के कारण आज़ाद हुआ है। परन्तु यदि किसी के मन में ऐसे देशभक्तों के लिए सम्मान की भावना नहीं है, वे उनकी देशभक्ति पर हँसते हैं तो यह बड़े ही दु:ख की बात है। ऐसे लोग सिर्फ़ अपने बारे में सोचते हैं, वे केवल स्वार्थी होते हैं। लेखक ऐसे लोगों पर अपना गुस्सा व्यक्त किया है।
पानवाला पूरी की पूरी पान की दुकान है, सड़क के चौराहे के किनारे उसकी पान की दुकान है। वह काला तथा मोटा है, उसकी तोंद भी निकली हुई है, उसके सिर पर गिने-चुने बाल ही बचे हैं। वह एक तरफ़ ग्राहक के लिए पान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर उसका मुँह पान से भरा है। पान खाने के कारण उसके होंठ लाल तथा कहीं-कहीं काले पड़ गए हैं। स्वभाव से वह मजाकिया है। वह बातें बनाने में माहिर है।
पानवाले ने कैप्टन को लँगड़ा तथा पागल कहा है। जो कि अति गैर जिम्मेदाराना और दुर्भाग्यपूर्ण वक्तव्य है। कैप्टन में एक सच्चे देशभक्त के वे सभी गुण मौजूद हैं जो कि पानवाले में या समाज के अन्य किसी वर्ग में नहीं है। वह भले ही लँगड़ा है पर उसमें इतनी शक्ति है कि वह कभी भी नेताजी को बग़ैर चश्मे के नहीं रहने देता है। अत: कैप्टन पानवाले से अधिक सक्रिय, विवेकशील तथा देशभक्त है।
Chapter 10 - Swaya Prakash Exercise रचना और अभिव्यक्ति
यहाँ पर हमें हालदार साहब की निम्न विशेषताओं के बारे में पता चलता है -
नेताजी के रोज़ बदलते चश्मे को देखने के लिए वे उत्सुक रहते थे।
नेताजी को पहनाए गए चश्मे के माध्यम से वे कैप्टन की देशभक्ति देखकर खुश होते थे क्योंकि वे स्वयं देशभक्त थे।
कैप्टन के प्रति उनके मन में श्रद्धा थी।
यहाँ पर हमें पानवाले की निम्न विशेषताओं के बारे में पता चलता है -
पानवाला भावुक तथा संवेदनशील था। कैप्टन के मर जाने से वह दु:खी था।
कैप्टन के लिए उसके मन में स्नेह था। भले ही कैप्टन के जीते-जी उसने उसका मजाक उड़ाया था।
कहीं न कहीं वह भी कैप्टन की देशभक्ति पर मुग्ध था। कैप्टन याद आने पर उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।
यहाँ पर हमें कैप्टन की निम्न विशेषताओं के बारे में पता चलता है -
वह देशभक्त था। नेताजी के लिए उसके मन में सम्मान की भावना थी। इसलिए नेताजी को बग़ैर चश्मे के देखना उसे अच्छा नहीं लगता था।
आर्थिक विपन्नता के कारण वह नेताजी को स्थाई रुप से चश्मा नहीं पहना पाता था। इसलिए वह अपनी ओर से कोई न कोई चश्मा उनकी आँखों पर लगा ही देता था।
जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को नहीं देखा था तब तक वो उसे एक फौज़ी की तरह मजबूत और बलशाली समझते थे। उन्होंने सोचा होगा कि वह एक फौजी की तरह अपने जीवन को अनुशासित ढ़ंग से जीता होगा। उन्हें लगता था फौज़ में होने के कारण लोग उन्हें कैप्टन कहते हैं।
हम अपने आस-पास के चौराहों पर महान व्यक्तियों की मूर्ति देखते हैं। इस प्रकार की मूर्ति लगाने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे - लोगों को प्रेरणा देने के लिए, उन्हें तथा उनके कार्यों को याद करने के लिए, उन महान व्यक्तियों के त्याग तथा बलिदान को अमर रखने के उद्देश्य से, उनके गुणों को याद करके समाज के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से तथा ऐसे लोगों का सम्मान करने के उद्देश्य से।
हम अपने इलाके के चौराहे पर महात्मा गाँधी तथा वैज्ञानिकों की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे। क्योंकि एक ओर जहाँ महात्माजी ने हमारे देश को आज़ाद करवाने में मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने हिंसा को त्याग कर अहिंसा के पथ को प्रधानता दी।तो दूसरी ओर देश के वैज्ञानिकों ने देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए नए-नए आविष्कारों के द्वारा देश को नई दिशा प्रदान की है।
मूर्ति के प्रति हमारे तथा समाज के कुछ उत्तरदायित्व हैं जिन्हें हमें हर संभव प्रयास द्वारा पूरे करने चाहिए। हमें मूर्ति का सम्मान करना चाहिए क्योंकि ये मूर्ति साधारण नहीं बल्कि किसी सम्माननीय व्यक्ति का प्रतीक है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी प्रकार से मूर्ति का अपमान न हो, हमारा यह उत्तरदायित्व होना चाहिए कि हम मूर्ति की गरिमा का ध्यान रखें।
हम भी देश के प्रति अपने कर्त्तव्यों को पूरा कर के अपनी देशभक्ति का परिचय दे सकते हैं; जैसे - प्राकृतिक संसधानों का उचित उपयोग करना, समाज के कमजोर तथा ज़रुरतमंद लोगों की मदद करना, सरकार की जनकल्याण योजनोओं को सहयोग करना, समाज में हो रहे अन्याय का विरोध करना तथा देश को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए तन-मन-धन से सहयोग करना।
मानक हिंदी में रुपांतरित -
अगर कोई ग्राहक आ गया और उसे चौड़े चौखट चाहिए, तो कैप्टन कहाँ से लाएगा ? तो उसे मूर्तिवाला चौखट दे देता है और उसकी जगह दूसरा लगा देता है।
साधारण बोलचाल की भाषा पर कई भाषाओं का प्रभाव रहता है। इस प्रकार के शब्दों का उच्चारण इसलिए किया जाता है कि बहुत प्रचलित शब्द अक्सर लोगों को जल्दी समझ में आ जाते हैं। एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से उस भाषा की भावाभिव्यक्ति की क्षमता में वृद्धि होती है इस प्रकार के शब्दों के प्रयोग से वाक्य अधिक प्रभावशाली हो जाते हैं, दूसरी भाषा के कुछ शब्दों की जानकारी भी मिलती है। भाषा का भण्डार बढ़ता है। भाषा का स्वरुप अधिक आकर्षक हो जाता है साथ ही भाषा में प्रवाहमयता आ जाती है।
Chapter 10 - Swaya Prakash Exercise भाषा-अध्ययन
तो - माँ ने तुम्हें जो काम करने को दिया था, वह कर तो दिया।
भी - आपके साथ यह भी चलेगा।
ही - उन्हें भी आज ही आना है।
तो - मेरे पास गहने थे तो सही लेकिन मैंने पहने नहीं ।
भी - तुम अभी भी नहीं समझ रहे हो।
तक - उसने मेरे कमरे की ओर झाँका तक नहीं।
उसके द्वारा अपनी छोटी-सी दूकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से एक नेताजी की मूर्ति पर फिट कर दिया जाता है।
पानवाले द्वारा नया पान खाया जा रहा था।
पानवाले द्वारा साफ़ बता दिया गया था।
ड्राईवर द्वारा जोर से ब्रेक मारे गए।
नेताजी द्वारा देश के लिए सब कुछ त्याग दिया गया।
हालदार साहब द्वारा चश्मे वाले की देशभक्ति का सम्मान किया गया।
माँ से बैठा नहीं जाता।
मुझसे देखा नहीं जाता।
चलो, अब सोया जाए।
माँ से रोया नहीं जाता।
Other Chapters for CBSE Class 10 Hindi
Chapter 1- Surdas Chapter 2- Tulsidas Chapter 5a- Surykant Tripathi 'Nirala'- Utsah Chapter 5b- Surykant Tripathi 'Nirala'-- At Nahin Rahi Hai Chapter 6a- Nagaarjun - Yh Danturit Muskan Chapter 6b- Nagaarjun - Fasal Chapter 7- Girijakumar Mathur Chapter 8- Rituraj Chapter 9- Manglesh Dbral Chapter 11- Ramvriksh Benipuri Chapter 12- Yashpal Chapter 13- Sarveshwar Dayal Saxena Chapter 14- Mannu Bhandari Chapter 16- Yateendra MishrNCERT Solutions for CBSE Class 10 Subjects
NCERT Solutions for Class 10 Geography NCERT Solutions for Class 10 Civics NCERT Solutions for Class 10 History NCERT Solutions for Class 10 Economics NCERT Solutions for Class 10 English NCERT Solutions for Class 10 Biology NCERT Solutions for Class 10 Chemistry NCERT Solutions for Class 10 Physics NCERT Solutions for Class 10 MathematicsKindly Sign up for a personalised experience
- Ask Study Doubts
- Sample Papers
- Past Year Papers
- Textbook Solutions
Sign Up
Verify mobile number
Enter the OTP sent to your number
Change