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Junior Class 1 Answered

Please give me the summary of 'Madhur Madhur Mere Deepak Jal' from Sparsh - Part 2
Asked by sunil2791 | 05 Jan, 2016, 06:09: PM
answered-by-expert Expert Answer

कवयित्री अपने आत्मदीपक को तरह-तरह से जलने के लिए कहती हैं मीठी, प्रेममयी, खुशी के साथ, काँपते हुए, उत्साह और प्रसन्नता से।
कवयित्री ने दीपक को हर परिस्थिति का सामना करते हुए, अपने अस्तित्व को मिटाकर ज्ञान रूपी अंधकार को दूर करके आलोक फैलाने के लिए हर बार अलग-अलग तरह से जलने को कहा है।
दीपक को उत्साह से तथा प्रसन्नता से जलने के लिए कहती हैं क्योंकि वे अपने आस्था रुपी दीपक की लौ से सभी के मन में आस्था जगाना चाहती हैं।
कवयित्री कहती है कि मेरे आस्था के दीपक तू जल-जलकर अपने जीवन के एक-एक कण को गला दे और उस प्रकाश को सागर की भाँति विस्तृत रुप में फैला दे ताकि दूसरे लोग भी उसका लाभ उठा सके।
 आस्था रुपी दीपक हमेशा जलता रहे। युगों-युगों तक प्रकाश फैलाता रहे। प्रियतम रुपी ईश्वर का मार्ग प्रकाशित करता रहे अर्थात ईश्वर में आस्था बनी रहे।

Answered by | 05 Jan, 2016, 06:55: PM
Junior 1 - Hindi
Asked by nithabiju | 12 Dec, 2018, 01:05: PM
ANSWERED BY EXPERT ANSWERED BY EXPERT
Junior 1 - Hindi
Asked by girishshambharkar | 02 Nov, 2018, 10:25: PM
ANSWERED BY EXPERT ANSWERED BY EXPERT
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