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CBSE Class 7 Saaransh Lekhan मिठाईवाला (Mithaaiwala)

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Mithaaiwala Synopsis

सारांश


मिठाई वाला कहानी एक बहुत ही मार्मिक कहानी है। यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो अपने बच्चे किसी कारणवश खो देता है और अब उन्हीं बच्चों का प्यार वह अन्य बच्चों की खुशी में तलाशता है।

कहानी का सार कुछ इस प्रकार है।
नगर में एक मादक-मधुर स्वर में गाने वाला खिलौने वाला आता है। उसका स्वर इतना मादक होता है कि बच्चे तो बच्चे जवान भी उसे देखने के लिए उत्सुक हो उठते थे। खिलौने वाला बच्चों को उनके मनपसंद खिलौने कम दाम में बेचकर निकल जाता था। राय विजयबहादुर के बच्चे भी खिलौने लेकर घर पहुँचते है खिलौने का दाम सुनकर उनकी पत्नी रोहिणी सोच में पड़ जाती है कि इतने सस्ते में खिलौने वाला खिलौने क्यों बेचता होगा।

छह महीने बाद नगर में एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल जाता है। वह भी उसी तरह गाना गाकर मुरली सुनाकर केवल दो पैसों में मुरली बेचता है। रोहिणी भी अपने पति से अपने बच्चों के लिए मुरली खरीदने का आग्रह करती है। मुरली वाले के जाने के बाद फिर रोहिणी विचार करती है कि आज तक बच्चों से इस तरह प्यार से पेश आने वाला उसने कोई फेरीवाला न देखा। और अपना सौदा भी कितना सस्ता बेचता है।

कई महीने इसी तरह बीत गए करीब आठ महीने बाद पुन: गलियों में मिठाई वाले का वही मीठा स्वर गूँज उठता है। ‘बच्चों को बहलाने वाला मिठाईवाला।’
रोहिणी अपने बच्चों के लिए मिठाई खरीदने के लिए उसे बुलाती है। बातचीत के दौरान रोहिणी को पता चलता है खिलौनेवाला, मुरलीवाला और मिठाईवाला ये तीनों एक ही व्यक्ति हैं जो आज उसके सामने बैठा है। रोहिणी को उसके बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है और तब उसे मुरलीवाले से पता चलता है कि मुरली वाला संपन्न परिवार से हैं परन्तु किसी कारणवश उसकी पत्नी और बच्चों की मृत्यु हो जाती है। अत: अपने खोये हुए बच्चों का प्यार पाने के लिए ही वह इस प्रकार नगर में घूमकर बच्चों से जुड़े सस्ते दामों में सामान बेचता है।

 

 

 

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