CBSE Class 6 Saaransh Lekhan Tikat Albam
Tikat Albam Synopsis
सारांश
प्रस्तुत कहानी टिकट-अलबम सुमति अय्यर द्वारा अनुवादित रचना है। इस कहानी में दो मित्रों के टिकट अलबम से जुडी कहानी है।
कहानी का सार इस प्रकार है–
राजप्पा और नागराजन दोनों सहपाठी थे। राजप्पा के पास डाक टिकटों का एक सुंदर अलबम था। उसके अलबम की लड़कों में खूब तारीफ़ रही थी। परन्तु जब नागराजन के मामा सिंगापुर से उसके लिए अलबम भेजा तो तब से राजप्पा के अलबम को कोई नहीं पूछता था। नागराजन अपना अलबम सबको दिखाता था परन्तु किसी को छूने नहीं देता था। लड़कियों द्वारा अलबम माँगे जाने पर नागराजन ने उस पर कवर चढ़ा दिया। शाम तक देखने के बाद अपने अलबम को वापस ले लिया।
बड़ी मेहनत से तैयार किये राजप्पा के अलबम की कोई तारीफ़ नहीं करता था। कई सहपाठी तो उसके अलबम की तुलना नागराजन के अलबम से कर फिसड्डी बताते थे। राजप्पा ने नागराजन के अलबम को कभी देखने की इच्छा प्रकट न की।
अब राजप्पा मन-ही-मन कुढ़ने लगा। लड़कों के सामने जाने से शर्म करने लगा। पहले वह टिकट की खोज में घूमा करता था परन्तु अब वह बस घर में ही रहने लगा। उसे नागराजन के अलबम से चिढ़ होने लगी। एक दिन वह नागराजन की घर की तरफ चल दिया। राजप्पा ने सोच लिया था कि वह अपने फालतू टिकट से नागराजन के अच्छे टिकटों से बदल लेगा। उसे अपने पर विश्वास था क्योंकि उसने ऐसा पहले भी कई बार किया था।
वह नागराजन के घर पहुँचकर सीधे ऊपर चला गया। थोड़ी देर बाद नागराजन की बहन वहाँ पर आई और उसने बताया कि नागराजन तो शहर गया है। उसने भी राजप्पा के सामने नागराजन के अलबम की तारीफ़ की और थोड़ी देर बाद नीचे चली गई। राजप्पा ने नागराजन के अलबम को चुरा लिया। घर जाकर उस अलबम को अपनी अलमारी के पीछे छिपा दिया।
रात को राजप्पा के घर एक सहपाठी आता है और बताता है कि नागराजन का अलबम चोरी हो गया है। उस रात राजप्पा को नींद नहीं आती। सुबह वह सहपाठी पुन: राजप्पा के घर आता है और बताता है कि नागराजन अपने अलबम की चोरी की शिकायत पुलिस में करने वाला है। उसके पिता डी.एस.पी. के दफ़्तर में ही काम करते हैं।
राजप्पा के पिता दफ़्तर चले गए। वह अपने बिस्तर पर ही बैठा था कि उसके दरवाजे पर दस्तक हुई। राजप्पा को लगा जैसे पुलिस उसे पकड़ने के लिए आ गई और उसने डर के मारे अलबम को अँगीठी में डाल दिया। तभी अम्मा की आवाज आई कि उससे मिलने नागराजन आया है। नागराजन ने राजप्पा को बताया कि उसका अलबम चोरी हो गया। नागराजन बड़ा मायूस था। राजप्पा ने उसे अपना अलबम देकर कहा कि वह उसे रख ले। नागराजन को लगा कि राजप्पा शायद मजाक कर रहा है परन्तु राजप्पा के बार-बार कहने पर वह उस अलबम को ले जाने के लिए तैयार हो गया परन्तु तभी राजप्पा ने कहा कि वह उसे रात भर देखना चाहता है, सुबह वह उसे लौटा देगा।
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