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CBSE Class 6 Saaransh Lekhan SansSans Me Baans

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SansSans Me Baans Synopsis

सारांश


प्रस्तुत पाठ में लेखक ने बाँस की विशेषता का विस्तार से वर्णन किया है। लेखक ने निबंध के प्रांरभ में एक जादूगर चंगकी चंगलनबा के बारे में बताया है। जिसने अपने मरने पर कहा था कि यदि उसकी कब्र को छठे दिन खोदा जाय, तो वहाँ कुछ नया पाओगे। लोगों ने छठे दिन जब उसकी कब्र खोदी, तो वहाँ बाँस कि टोकरी के कई डिजाइन मिलें। लोगों ने इसकी नकल करना सीखा, साथ ही कुछ नए डिजाइन भी इजाद किये।
बाँस पूरे भारत में होता है। बाँस मुख्य रूप से भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के 7 राज्यों में अत्यधिक मात्रा में उगता है। अत: वहाँ पर बाँस की चीजों को बनाने का प्रचलन बहुत है।
मनुष्य तब से बाँस की चीजें बना रहा है जब से कलात्मक चीजें बन रही हैं। उसने शायद बया के घोंसलें से बुनावट की तरकीब सोची होगी। बाँस से कई तरह की चीजें बनाई जाती हैं। यहाँ के लोग बाँस से कई तरह की चीजें बनाकर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। वे लोग बाँस से कई तरह की चटाईयाँ, टोपियाँ, बर्तन, फर्नीचर और घर का सजावटी सामान बनाते हैं। असम में बाँस की खपच्चियों से से मछली पकड़ने का जाल बनाया जाता है। चाय के बागानों में काम करने वालों के लिए टोपियाँ और टोकरियाँ भी बाँस से बनाई जाती है।
जुलाई से अक्टूबर तक अत्यधिक वर्षा होती है। वहाँ के लोगों के पास उस समय अधिक काम नहीं होता। इस कारण इन लोगों के पास जंगल से बाँस लाने और उससे सामान बनाने का सही समय होता है। एक से तीन साल वाले बाँसों का उपयोग सामान बनाए जाने के काम में आते हैं। बाँस से शाखाओं और पत्तियों को अलग कर दिया जाता है। दाओ से छीलकर इनकी खपच्चियाँ तैयार कर लीं जाती हैं। खपच्चियों की लंबाई अलग-अलग होती है। टोकरी या आसन बनाने के लिए अलग-अलग लंबाई की खपच्चियाँ काटी जाती हैं। इनकी चौड़ाई एक इंच से ज्यादा नहीं होती है। खपच्चियों को चीरने के लिए भी हुनर चाहिए। इस हुनर को सीखने में समय लगता है। टोकरी बनाने के लिए खपच्चियों को चिकना बनाया जाता है। इसके बाद गुड़हल, इमली की पत्तियों से रंगा जाता है। बाँस की बुनाई साधारणत: ही होती है। इसे आड़ा-तिरछा रखा जाता है। चैक का डिजायन बनता है। टोकरी के सिरों पर खपच्चियों को या तो चोटी की तरह गूँथ लिया जाता है। या कटे सिरों को नीचे की ओर मोड़कर फँसा दिया जाता है। इस प्रकार टोकरी तैयार हो जाती है। इसे बाजार में बेचा जा सकता है या फिर घर के कामों में प्रयोग किया जा सकता है।