Vridho ko vridhashram nahi bhejna chahiye
please give 15 lines on this topic
old people should not be sent to old age home
in hindi
Asked by Apoorva
| 5th Nov, 2016,
11:36: PM
Expert Answer:
हमारे माता - पिता बच्चों के पालन-पोषण और उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए उनकी शिक्षा-दीक्षा में अपना सारा जीवन अर्पण कर देते हैं। ऐसे में जीवन के अंतिम पड़ाव में उन्हें इस प्रकार छोड़ना बिलकुल भी उचित नहीं हैं। बच्चों के ये सोचना चाहिए कि उनके हर बढ़ते क़दमों को उनके अभिभावकों ने सहारा दिया तो अब ये उनका फर्ज बनता है कि वे उनके अभिभावकों के लड़खड़ाते क़दमों को वे सहारा दें। वैसे भी हमारी भारतीय संस्कृति संयुक्त परिवार में विश्वास करती है जहाँ सारा परिवार एक छत के नीचे एक-दूसरे का सुख-दुःख बाँटते हुए मिलजुलकर रहते हैं। घर में बड़े-बुजर्गों के रहने से भावी पीढ़ी सुरक्षित वातावरण में रहती हैं क्योंकि भारत जैसे देश में बुजर्ग अपने नाती-पोतों से खासा जुड़ाव महसूस करते हैं और उनके अनुभवों से अनेक चीजें सीखते हैं, जो हर एक बच्चे के लिए जीवन में आगे सहायक होती हैं। खासकर आजकल के दोनों माता-पिता कामकाजी होने के कारण वे अपना पर्याप्त समय अपने बच्चों को नहीं दे पाते इसलिए घर में यदि बड़े-बुजुर्ग है तो इस कमी को बहुत ही अच्छी तरह से पूरा कर देते हैं। माता-पिता को वृद्धा आश्रम भेज देने से भावी पीढ़ी उनके प्यार और अपनेपन से वंचित रह जाएगी। अत:माता-पिता को वृद्धावस्था में आश्रम नहीं भेजना चाहिए l
Answered by Beena Thapliyal
| 6th Nov, 2016,
07:07: PM
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