Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 20 - जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ
Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 20 - जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ स्वाध्याय
अमृतलाल नागर जी के साहित्य सृजन में सहायक |
लेखक
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स्नेही जी |
अयोध्यासिंह उपाध्याय |
पत्रिकाएँ |
सरस्वती |
गृहलक्ष्मी |
1. सन् 1928-1929 में साइमन कमीशन के बहिष्कार के समय किए गए लाठी चार्ज के अनुभव से नागर जी की पहली कविता को प्रस्फुटित किया।
2. अपने पिता के किसी के भी दुःख-दर्द में तुरंत पहुँचने के गुण से नागर जी प्रभावित थे।
कहानी |
उपन्यास |
कविता |
अन्य |
• अपशकुन • प्रायश्चित |
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• कब लौं कहौॱ खाय |
• गदर के फूल |
• जगन्नाथ रत्नाकर
• प्रेमचंद
• शरतचंद
• माधव शुक्ल
कार्य |
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आलोचक |
रचनाकार |
समीक्षा करना |
रचना करना |
नागर जी के प्रिय विदेशी लेखक |
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टॉल्स्टॉय |
चेखव |
1. नागर जी के प्रिय लेखक - रामविलास शर्मा
2. नागर जी के प्रिय आलोचक - पाठकीय प्रतिक्रिया देने वाले पत्र लेखक
3. अपनी रचना के लिए नागर जी को बहुत लोगों से मिलना पड़ा - 'गदर के फूल'
4. नागर जी का पहला उपन्यास - महाकाल
1. साहित्यिक - साहित्य
2. विलायती - विलायत
1. खिंचाव - खींच
2. लिखावट - लिखना
'अ' रचना |
'ब' रचना |
देसी और विलायती |
प्रभात कुमार मुखोपाध्याय |
अपशकुन |
अमृतलाल नागर |
आनंद मठ |
बंकिमचन्द्र चटर्जी |
रामचरितमानस |
तुलसी दास |
Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 20 - जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ अभिव्यक्ति
पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र होती है। आत्म उन्नति करनी है तो पुस्तक से बढ़कर कोई सहायक नहीं है। पुस्तक वह साधन है जिसके वाचन से मनुष्य को ज्ञान के साथ-साथ आनंद भी प्राप्त होता है। यदि आपकी अच्छे साहित्य में रुचि है। ऐसे कोई भी साहित्य आप पढ़ते हैं, वाचन करते हैं तो पुस्तक में निहित ज्ञान के साथ-साथ आपको अद्भुत आनंद भी मिलता है। पुस्तक पढ़ने से न केवल हमारे दिमाग का अभ्यास होता है बल्कि पुस्तकें हमारे तनाव को भी कम करती है। पढ़ने से मन को सुकून मिलता है फलस्वरूप नींद भी अच्छी आती है। पढ़ने से व्यक्ति की याददाश्त भी बढ़ती है। पुस्तकें ही मनुष्य के ज्ञान के साथ चरित्र निर्माण में अहम् भूमिका निभाती है।
Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 20 - जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ उपयोजित लेखन
1. रमण ने अपना सिक्का किसमें जमा लिया था?
2. रमण का साथी किस संबंध में प्रयोग कर रहा था?
3. रमण ने समस्या के संबंध में किसका निबंध पढ़ा?
4. रमण की प्रतिभा की प्रशंसा किसने की?
5. जोन्स रमण के लेख को जल्दी क्यों नहीं लौटा सके?
बढ़ने की है जिसकी चाह व्यापार ही है जिसका लक्ष्य देश को है जिससे प्यार मेक इन इंडिया है उसके साथ
मेक इन इंडिया उपक्रम द्वारा
• कुल 25 क्षेत्रों की पहचान • अतीत का प्राचीन और बंधक ढाँचा खत्म • भारत के मूल्यवान क्षेत्र वैश्विक साझीदारी के लिए खुले • उद्योग लगाने वालों को अनेक साधन-सुविधाएँ • उद्योग-धंधों के अनुकूल क्षेत्र एवं राज्यों के चुनाव की सुविधा • देश में रोजगार के विपुल अवसर प्रदान करने के साथ-साथ.....
अनेक लाभ दुनिया भारत के साथ साझेदारी के लिए इच्छुक |
Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 20 - जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ भाषा बिंदु
वाक्य |
मुख्य क्रिया |
सहायक क्रिया |
• उनके रीति-रिवाजों का अध्यनन करना पड़ा। |
करना-करना |
पड़ा-पड़ना |
• माता-पिता का यह रंग देखकर तो वे बूढी काकी को और सताने लगे। |
सताने-सताना |
लगे-लगना |
• उनकी ननद रूठ गई। |
रूठ-रूठना |
गई-जाना |
• वे हड़बड़ा उठे। |
हड़बड़ा-हड़बड़ाना |
उठे-उठना |
|
रख-रखना |
सके-सकना |
वाक्य |
मुख्य क्रिया |
सहायक क्रिया |
• उन्होंने पुस्तक लौटा दी। |
लौटा-लौटाना |
दी-देना |
• समुद्र स्याह और भयावह दिखने लगा। |
दिखने-दिखना |
लगा-लगना |
• मैं गोवा को पूरी तरह नहीं समझ पाया। |
समझ-समझना |
पाया-पाना |
• काकी घटनास्थल पर आ पहुँची। |
आ-आना |
पहुँची-पहुँचना |
|
चले-चलना |
गए-जाना |
वाक्य |
मुख्य क्रिया |
सहायक क्रिया |
उनके रीति-रिवाजों का अध्ययन करना पड़ा |
करना |
पड़ा |
तुलसीदास को तो मुझे घुट्टी में पिलाया गया है। |
गया |
है |
श्लोक जबरदस्ती याद करवाते थे। |
करवाते |
थे |
मुझे हर सप्ताह एक पत्र मिलना ही चाहिए। |
मिलना |
चाहिए |
गुलामी की प्रथा संसार भर में हजारों वर्षों तक चलती रही |
चलती |
रही |
सोचा इस लिजलिजे घुटनभरे मौसम से राहत पाने के लिए कुछ दिन पहाड़ों में बिता आएँ। |
बिता |
आएँ |
मन अब सुकून का अनुभव कर रहा था |
रहा |
था |
काम में व्यस्त सिरचन के कानों में बात पड़ गई। |
पड़ |
गई |
बड़ी भाभी अधूरी चिक में रंगीन छींट का झालर लगाने लगी। |
लगाने |
लगी |
मैं चुपचाप लौट आया। |
लौट |
आया |
वाक्य |
कारक चिह्न |
कारक |
चाची अपने कमरे से निकल रही थी। |
से |
अपादान कारक |
मैं बंडल को खोलकर देखने लगा। |
को |
कर्म कारक |
आवाज ने मेरा ध्यान बँटाया। |
ने |
कर्ता कारक |
हमारे शहर में एक कवि हैं। |
में |
अधिकरण कारक |
कितने दिनों की छुट्टियों हैं? |
की |
संबंध कारक |
वाक्य |
कारक चिह्न |
कारक |
मानू रेल से ससुराल चली गई। |
से |
करण कारक |
उन्हें पुस्तक ले आने के लिए कहा। |
के लिए |
संप्रदान कारक |
पर्यटन से बहुत ही आनंद मिला। |
से |
करण कारक |
शरीर को कुछ समय के लिए विश्राम मिल जाता है। |
के लिए |
संप्रदान कारक |
बस से गोवा घूमने की योजना बनाई। |
से |
करण कारक |
वाक्य |
कारक चिह्न |
कारक |
बुद्धिराम स्वभाव के सज्जन थे। |
के |
संबंध कारक |
रूपा घटना स्थल पर आ पहुँची। |
पर |
अधिकरण कारक |
अरे! यह बुढ़िया कौन है? |
अरे |
संबोधन कारक |
वाक्य |
कारक चिहन |
कारक |
पिताजी ने मुझे डाँटा और रोका। |
ने |
कर्ता |
मैंने, शरतचंद्र को बाद में पढ़ा। |
को |
कर्म |
मेरे उपन्यासों के बारे में पाठकों के पत्रों से पाठकीय प्रतिक्रियाओं का पता चलता है। |
से |
करण |
मुझे 'गदर के फूल' के लिए बहुत लोगों से मिलना पड़ा। |
के लिए |
संप्रदान |
प्राण को मन से अलग करना पड़ेगा। |
से |
अपादान |
पत्नी की मृत्यु के बाद एक टूटन से आ गई थी। |
के |
सम्बन्ध |
पिताजी से आंदोलनों में भाग लेने से रोका। |
में |
अधिकरण |
ओह! तो ये बात है। |
हे! हरे! |
संबोधन |
Lokbharti - X Class 10 Chapter Solutions
- Chapter 1 - भारत महिमा
- Chapter 2 - लक्ष्मी
- Chapter 3 - वाह रे! हमदर्द
- Chapter 4 - मन
- Chapter 5 - गोवा: जैसे मैंने देखा
- Chapter 6 - गिरिधर नगर
- Chapter 7 - खुला आकाश
- Chapter 8 - गजल
- Chapter 9 - रीढ़ की हड्डी
- Chapter 10 - ठेस
- Chapter 11 - कृषक का गान
- Chapter 12 - बरषहिं जलद
- Chapter 13 - दो लघु कथाएँ
- Chapter 14 - श्रम साधना
- Chapter 15 - छाया
- Chapter 16 - ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
- Chapter 17 - हम इस धरती की संतति
- Chapter 18 - महिला आश्रम
- Chapter 19 - अपनी गंध नहीं बेचूँगा
- Chapter 20 - जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ
- Chapter 21 - बूढी काकी
- Chapter 22 - समता की ओर