Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 22 - समता की ओर
Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 22 - समता की ओर स्वाध्याय
प्रकृति में |
धरती पर |
प्रकृति द्युतिहीन हो गई है |
धरती पर कुंझटिका छाई हुई है |
धनी |
दीन-दरिद्र |
• रात-दिन मौज आनंद ही आनंद • हलुआ पूड़ी, दूध मलाई का भोजन • वे रंगीन कीमती शाल-दुशाले ओढ़ते हैं • ये सुविधा-संपन्न मकानों में रहते हैं |
• शिशिर ऋतु के सारे दुःख • सूखी रोटी और भाजी का भी अभाव • इनके काँपते हुए शरीर पर रोज पाला गिरता है • ये टूटे-फूटे घरों में रहते हैं, जहाँ हमेशा उदासी छाई रहती है |
ऋतुएँ |
अंग्रेजी माह |
हिन्दी माह |
वसंत |
मार्च-अप्रैल |
चैत्र-वैशाख |
ग्रीष्म |
मई-जून |
ज्येष्ठ-आषाढ़ |
वर्षा |
जुलाई-अगस्त |
श्रावण-भाद्रपद |
शरद |
सितंबर-अक्तूबर |
आश्विन-कार्तिक |
हेमंत |
नवंबर-दिसंबर |
मार्गशीर्ष-पौष |
शिशिर |
जनवरी-फरवरी |
माघ-फाल्गुन |
1. रचनाकार - मुकुटधर पांडेय
2. रचना का प्रकार - नई कविता
3. पसंदीदा पंक्ति -
पहले हमें उदर की चिंता थी न कदापि सताती,
माता सम थी प्रकृति हमारी पालन करती जाती
4. पसंदीदा होने का कारण - पहले सभी प्रकृति पर निर्भर थे प्रकृति से ही सारी आवश्यकताओं की पूर्ति हो जाया करती थी।
5. रचना से प्राप्त संदेश - प्रस्तुत रचना से कवि ने भाईचारे का संदेश दिया है। धनवान और निर्धन दोनों भाई-भाई हैं। इसलिए धनी लोगों को दीन-दरिद्र भाइयों की भलाई के लिए प्रयास करना चाहिए।
संदेश - सभी मनुष्य योनि (कुल) में जन्म लेने के कारण आपस में भाई-भाई का संबंध रखते हैं। इस रिश्ते से सभी को एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए। धनवान और निर्धन दोनों भाई-भाई हैं। इसलिए धनी लोगों को दीन-दरिद्र भाइयों की भलाई के लिए प्रयास करना चाहिए।
Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 22 - समता की ओर उपयोजित लेखन
एक परिवार में भी यदि व्यक्ति को सुख-शांति से रहना होता है तो वहाँ पर भी यही बंधुता का सूत्र काम करता है अर्थात् जब सभी लोग मिलजुलकर रहते हैं तो परिवार में सौहार्द बना रहता है ठीक उसी प्रकार यह पूरा विश्व भी आज एक बड़े परिवार में बदल चुका है यहाँ भी यदि हमें उन्नति-प्रगति, शांति, सौहार्द से रखना है तो विश्व के प्रत्येक देश को विश्व बंधुता के सिद्धांत को समझना होगा।
जब तक हम एकता की ओर नहीं बढ़ेगे तब तक सभी देशों के बीच दूरियाँ कभी भी खत्म नहीं होगी जिसके कारण युद्ध का खतरा भी सभी देशों पर मंडराता रहेगा।
वर्तमान युग में विश्व बंधुता को समझना आवश्यकता क्योंकि ज्यादातर लोग अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक दूसरे का फायदा उठाकर उसको नुकसान पहुँचा कर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं।
वर्तमान समय में सभी का एक साथ आगे बढ़ना होगा क्योंकि जनसँख्या बहुत ज्यादा बढ़ रही है इस बढ़ती आबादी के कारण हम सभी को मिलकर साथ में अच्छे काम करने होगें जिससे हम सभी मिलकर इस संसार का भला कर सके और हम सभी मिलकर एक अच्छी जिंदगी जी सकें और आने वालो पीढ़ी को भी अच्छी जिंदगी दे सकें।
Lokbharti - X Class 10 Chapter Solutions
- Chapter 1 - भारत महिमा
- Chapter 2 - लक्ष्मी
- Chapter 3 - वाह रे! हमदर्द
- Chapter 4 - मन
- Chapter 5 - गोवा: जैसे मैंने देखा
- Chapter 6 - गिरिधर नगर
- Chapter 7 - खुला आकाश
- Chapter 8 - गजल
- Chapter 9 - रीढ़ की हड्डी
- Chapter 10 - ठेस
- Chapter 11 - कृषक का गान
- Chapter 12 - बरषहिं जलद
- Chapter 13 - दो लघु कथाएँ
- Chapter 14 - श्रम साधना
- Chapter 15 - छाया
- Chapter 16 - ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
- Chapter 17 - हम इस धरती की संतति
- Chapter 18 - महिला आश्रम
- Chapter 19 - अपनी गंध नहीं बेचूँगा
- Chapter 20 - जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ
- Chapter 21 - बूढी काकी
- Chapter 22 - समता की ओर