Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 7 - खुला आकाश
Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 7 - खुला आकाश अभिव्यक्ति
जिन कामों को करने का हमें शौक होता है उस कार्य करने में हमारी रूचि भी बढ़ती जाती है। अपनी पसंदीदा पुस्तक पढ़ने के लिए न केवल हम समय निकाल लेते बल्कि अपनी प्रिय नींद का त्याग भी कर देते हैं परंतु वही कोर्स की किताबें खोलते ही आँखें नींद से बोझिल होने लगती है। शौक से उत्पन्न रूचि सफलता की सीढ़ी है।
Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 7 - खुला आकाश भाषा बिंदु
संधि विच्छेद |
संधि शब्द |
संधि भेद |
दु: + लभ |
दुर्लभ |
विसर्ग संधि |
महा + आत्मा |
महात्मा |
स्वर संधि |
अन् + आसक्त |
अनासक्त |
स्वर संधि |
अंत: +चेतना |
अन्तश्चेतना |
विसर्ग संधि |
सम् + तोष |
संतोष |
व्यंजन संधि |
सदा + एव |
सदैव |
स्वर संधि |
शब्द |
संधि विच्छेद |
संधि भेद |
सज्जन |
सत् + जन |
व्यंजन संधि |
नमस्ते |
नम: + ते |
विसर्ग संधि |
स्वागत |
सु + आगत |
स्वर संधि |
दिग्दर्शक |
दिक् + दर्शक |
व्यंजन संधि |
यद्यपि |
यदि + अपि |
स्वर संधि |
दुस्साहस |
दु: + साहस |
विसर्ग संधि |
शब्द |
संधि विच्छेद |
संधि भेद |
दिग्गज |
दिक् + गज |
व्यंजन संधि |
सप्ताह |
सप्त + अह |
स्वर संधि |
निश्चल |
नि: + चल |
विसर्ग संधि |
भानूदय |
भानु + उदय |
स्वर संधि |
निस्संदेह |
नि: + संदेह |
विसर्ग संधि |
सूर्यास्त |
सूर्य + अस्त |
स्वर संधि |
शब्द |
संधि विच्छेद |
संधि भेद |
उज्जवल |
उत् + ज्वल |
व्यंजन संधि |
निर्जीव |
नि: + जीव |
विसर्ग संधि |
संभव |
सम्: + भव |
व्यंजन संधि |
Lokbharti Solution for Class 10 Hindi Chapter 7 - खुला आकाश स्वाध्याय
1. आसमान नहीं दिखाई देता
2. पेड़ नहीं हैं
3. न पेड़ लगाने की जगह है
4. मकान पर मकान लदे लगते हैं
1. आसमान
2. घोसलें बनाती चिड़ियाँ
1. बाघ, भेड़िए, लकड़बग्घे, साँप, तेंदुएँ, बिच्छु, गोजर
2. गाय, बकरी, भेड़, तितली
1. गुलामी करना
2. गुलामी करवाना
1. मकान ही मकान
2. एक गंदी व तंग गली
3. आसमान
4. घोसलें बनाती चिड़ियाँ
1. मोटर
2. कंप्यूटर
1. लंदन में एक कमरे का किराया हर सप्ताह के लिए तीन पाउंड होता है।
2. अतीत में जिन लोगों ने उनकी मदद की है या जो भविष्य में उनकी मदद करेंगे उन सभी के प्रति लेखक कृतज्ञ हैं।
1. परिच्छेद में उल्लिखित देश - लेखक ने परिच्छेद में इंग्लैड देश का उल्लेख किया है।
2. हर किसी को करना होगा - हर किसी को अपना कर्तव्य करना होगा।
3. लेखक की तकलीफें - लेखक की कई तकलीफें है। उन्हें इंग्लैड में सब कुछ अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है। उनकी आमदनी कुछ भी नही है, उनका एक कमरे का किराया हर सप्ताह तीन पाउंड होता है। ऊपर से अन्य कई खर्च है।
4. हर किसी को करनी होगी - हर किसी को आत्मरक्षा करनी होगी।
1. स्वयं की रक्षा करना- आत्मरक्षा
2. दूसरों के उपकार को मानने वाला- कृतज्ञ
• जेब -स्त्रीलिंग
• दावा - पुल्लिंग
• साहित्य - पुल्लिंग
• सेवा - स्त्रीलिंग
कृतज्ञता एक महान गुण है। कृतज्ञता का अर्थ है अपने प्रति की हुई श्रेष्ठ और उत्कृष्ट सहायता के लिए श्रद्धावान होकर दूसरे व्यक्ति के समक्ष सम्मान प्रदर्शन करना।
हमें दूसरों द्वारा की गई कृतज्ञता के लिए हमेशा आभार प्रकट करना चाहिए। इससे वह व्यक्ति आगे भी लोगों की सहायता करने के लिए तत्पर रहता है और साथ की इस तरह से हममें भी विनम्रता और लोगों के प्रति सहायता की भावना जागृत होती है।
Lokbharti - X Class 10 Chapter Solutions
- Chapter 1 - भारत महिमा
- Chapter 2 - लक्ष्मी
- Chapter 3 - वाह रे! हमदर्द
- Chapter 4 - मन
- Chapter 5 - गोवा: जैसे मैंने देखा
- Chapter 6 - गिरिधर नगर
- Chapter 7 - खुला आकाश
- Chapter 8 - गजल
- Chapter 9 - रीढ़ की हड्डी
- Chapter 10 - ठेस
- Chapter 11 - कृषक का गान
- Chapter 12 - बरषहिं जलद
- Chapter 13 - दो लघु कथाएँ
- Chapter 14 - श्रम साधना
- Chapter 15 - छाया
- Chapter 16 - ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
- Chapter 17 - हम इस धरती की संतति
- Chapter 18 - महिला आश्रम
- Chapter 19 - अपनी गंध नहीं बेचूँगा
- Chapter 20 - जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ
- Chapter 21 - बूढी काकी
- Chapter 22 - समता की ओर