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Class 10 EVERGREEN PUBLICATION Solutions Hindi Chapter 1 - Sanskaar Or Bhavana

Sanskaar Or Bhavana Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution क-i

यहाँ पर अतुल और अविनाश की माँ खुद के रुढ़िवादी विचारों तथा जात-पात के संस्कारों को मानने के अपराध की बात कर रही है। 

Solution क-ii

माँ एक हिन्दू वृद्‌धा हैवे हिन्दू समाज की रूढ़िवादी संस्कारों से ग्रस्त हैं। वे संस्कारों की दास हैं। एक मध्यम परिवार में अपने पुराने संस्कारों की रक्षा करना धर्म माना जाता है। माँ भी वहीं करना चाहती थी। उसका बड़ा बेटा अविनाश अपनी माँ की इच्छा के विरुद्‌ध एक बंगाली लड़की से प्रेम-विवाह कर आया परन्तु माँ ने अपनी रूढ़िवादी मानसिकता के कारण विजातीय बहू को नहीं अपनाया।

Solution क-iii

बहू ने अपने पति अविनाश को हैजे की बीमारी से प्राण देकर बचा लिया। हैजे की बीमारी को छुआ-छूत की बीमारी माना जाता है। 

Solution क-iv

बहू अविनाश की पत्नी थी जो की विजातीय (बंगाली) महिला थी। 

Solution ख-i

यहाँ पर अतुल और अविनाश की माँ हिन्दू समाज की रूढ़िवादी संस्कारों से ग्रस्त हैं। वे संस्कारों की दास हैं। एक मध्यम परिवार में अपने पुराने संस्कारों की रक्षा करना धर्म माना जाता है। इसलिए माँ संस्कारों की दासता से मुक्त होने में विफल रही। 

Solution ख-ii

माँ ने अपने रूढ़ीवादी विचारों के कारण अपने बेटे-बहू से बिछड़ने का पश्चाताप किया है। 

Solution ख-iii

जब माँ को अविनाश की पत्नी की बीमारी की सूचना मिलती है तब उसका हृदय मातृत्व की भावना से भर उठता है। उसे इस बात का आभास है कि यदि बहू को कुछ हो गया तो अविनाश नहीं बचेगा। माँ को पता है कि अविनाश को बचाने की शक्ति केवल उसी में है। इसलिए वह प्राचीन संस्कारों के बाँध को तोड़कर अपने बेटे के पास जाना चाहती है। इस प्रकार बेटे की घर वापसी के निर्णय से अतुल और उमा प्रसन्न हैं।

Solution ख-iv

अविनाश की वधू बहुत भोली और प्यारी थी, जो उसे एक बार देख लेता उसके रूप पर मंत्रमुग्ध हो जाता। बड़ी-बड़ी काली आँखें उनमें शैशव की भोली मुस्कराहट उसके रूप तथा बड़ों के प्रति आदर के भाव ने अतुल और उमा को प्रभावित किया। 

Solution ग-i

अविनाश ने एक विजातीय (बंगाली) कन्या से विवाह किया था। किसी ने इस विवाह का समर्थन नहीं किया। अविनाश की माँ ने इसका सबसे ज्यादा विरोध किया और उसको घर से निकाल दिया। 

Solution ग-ii

अविनाश ने एक विजातीय (बंगाली) कन्या से विवाह किया था। अविनाश की माँ ने इसका सबसे ज्यादा विरोध किया और उसको घर से निकाल दिया। माँ की इस रुढ़िवादी मनोवृत्ति को बदलने में अतुल और उमा ने भरपूर प्रयास किया। उन दोनों ने अविनाश की पत्नी के गुणों तथा विचारों से माँ को अवगत करवाया अतुल ने ही अपनी माँ को अविनाश की बहू को अपनाने के लिए प्रेरित किया। अतुल ने के द्वारा ही माँ को पता चलता है कि किस प्रकार उनकी बहू ने अपने प्राणों की परवाह न करके अविनाश की जान बचाई और अब बहू स्वयं बीमार है। इसलिए जब माँ को अविनाश की पत्नी की बीमारी की सूचना मिलती है तब उसका हृदय मातृत्व की भावना से भर उठता है। उसे इस बात का आभास है कि यदि बहू को कुछ हो गया तो अविनाश नहीं बचेगा। 

इस प्रकार अतुल और उमा के सम्मिलित प्रयास से माँ अपनी बहू को अपना लेती है। 

Solution ग-iii

अतुल एकांकी का प्रमुख पुरुष पात्र है। वह माँ का छोटा पुत्र है। वह प्राचीन संस्कारों को मानते हुए आधुनिकता में यकीन रखने वाला एक प्रगतिशील नवयुवक है। वह माँ का आज्ञाकारी पुत्र होते हुए भी माँ की गलत बातों का विरोध भी करता है। वह अपनी माँ से अपने बड़े भाई को विजातीय स्त्री से विवाह करने पर न अपनाने का भी विरोध करता हैअतुल संयुक्त परिवार में विश्वास रखता है। उसमें भ्रातृत्व की भावना है। वह अपने बड़े भाई का सम्मान करता है।

Solution ग-iv

विष्णु प्रभाकर द्‌वारा रचित "संस्कार और भावना" एकांकी में भारतीय हिंदू परिवार के पुराने संस्कारों से जकड़ी हुई रूढ़िवादिता तथा आधुनिक परिवेश में पले बड़े बच्चों के बीच संघर्ष की चेतना को चित्रित किया गया है। 

अविनाश ने एक विजातीय (बंगाली) कन्या से विवाह किया था। किसी ने इस विवाह का समर्थन नहीं किया। अविनाश की माँ ने इसका सबसे ज्यादा विरोध किया और उसको घर से निकाल दिया। माँ अपने छोटे बेटे अतुल और उसकी पत्नी उमा के साथ रहती है पर बड़े बेटे से अलग रहना उसके मन को कष्ट पहुँचाता है।  

एक बार जब माँ को पता चला कि अविनाश को प्राणघातक हैजे की बीमारी हुई थी और बहू ने अपने पति अविनाश को प्राण देकर बचा लिया। अब वह खुद बीमार है परंतु अविनाश में उसे बचाने की ताकत नहीं है। जब माँ को अविनाश की पत्नी की बीमारी की सूचना मिलती है तब उसका हृदय मातृत्व की भावना से भर उठता है। उसे इस बात का आभास है कि यदि बहू को कुछ हो गया तो अविनाश नहीं बचेगा। तब पुत्र-प्रेम की मानवीय भावना का प्रबल प्रवाह रूढ़िग्रस्त प्राचीन संस्कारों के जर्जर होते बाँध को तोड़ देता है। माँ अपने बेटे और बहू को अपनाने का निश्चय करती है। 

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