Request a call back

Join NOW to get access to exclusive study material for best results

Class 9 NCERT Solutions Hindi Chapter 10 - Makhanlal Chaturvedi

Makhanlal Chaturvedi Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution 1

कोयल की कूक सुनकर कवि को ऐसा लगता है जैसे कोयल उसके लिए कोई संदेशा लेकर आई है, संदेशा शायद अति महत्वपूर्ण है इसलिए कोयल ने सुबह होने का भी इन्तजार नहीं किया।

Solution 2

कवि ने कोयल के बोलने की निम्न संभावनाएँ बताई हैं -

(1) कोकिला शायद कोई संदेशा पहुँचाना चाहती है।

(2) उसने दावानल की लपटें देख लीं है।

(3) समस्या गंभीर है इसलिए वह सुबह होने की प्रतीक्षा नहीं कर पाती है।

(4) क्रांतिकारीयों के मन में देश-प्रेम की भावना को और मजबूत करने आई है।

Solution 3

अंग्रेजी शासन की तुलना कवि ने तम के प्रभाव से की है क्योंकि अँग्रेज शासन प्रणाली अन्यायपूर्ण थी। वे हमारे देशवासियों पर अनेक प्रकार के जुल्म ढा रहे थे।

Solution 4

कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यंत्रणाए निम्न थी -

1.  कैदियों से पशुओं की तरह काम करवाया जाता था।

2.  अँधेरी कोठरियों में कैदियों को जंजीरों से बाँध कर रखा जाता था।

3.  कोठरियाँ भी काफी छोटी होती थी।

4.  खाने को भी कम दिया जाता था।

5.  क्रांतिकारियों को चोर, लुटेरे और डाकूओं के साथ रखा जाता था।

6.  जेल में अमानवीय यातनाएँ दी जाती थी।

Solution 5 - क

मृदुल वैभव की रखवाली-सी से कवि का तात्पर्य कोयल

की मीठी सुरीली तथा मोहक आवाज़ से है आज के इस कष्टमय संसार में कुछ मृदुलता और सरसता बची है तो वह कोयल की आवाज़ में ही बची है परन्तु जब वह वेदनापूर्ण आवाज़ में चीखती है तो कवि उसकी इस वेदना का कारण जानना चाहता है 

Solution 5 - ख

अँग्रेज सरकार देश के स्वाधीनता सैनानियों से पशुओं की तरह काम करवाती थी जिससे इन लोगों का स्वाभिमान और देश के प्रति देश प्रेम की भावना ख़त्म हो जाए। परन्तु सैनानी सारे अत्याचार को सहते हुए भी अपनी जिद्द पर अडिग है जिससे अँग्रेज सरकार की सारी अकड़ निकल जाती है।

Solution 6

अद्धरात्रि में कोयल के चीखने से कवि को अनेकों अंदेशे होते है जैसे शायद कोयल पागल तो नहीं हो गयी है, या शायद वह किसी कष्ट में है या कोई सन्देश लेकर आईं हैं या यह भी हो सकता है कि वह क्रांतिकारियों के दुःख से द्रवित होकर चीख रही हो। 

Solution 7

कवि की कोयल से ईर्ष्या का मुख्य कारण उसकी स्वच्छंदता से है। वह आकाश में स्वतंत्रता से उड़ान भर रही है और कवि जेल की काल कोठरी में बंद है। कोयल गाकर अपने आनंद को प्रकट कर सकती है पर कवि के लिए तो रोना भी एक बड़ा गुनाह है जिसके लिए उसे दंड भी मिल सकता है।

Solution 8

कोयल हरी-भरी डालियों पर बैठकर अपने मधुर स्वर से सारी सृष्टि को गुंजायमान करती थी, उसके मधुर गीतों में खुशियाँ झलकती थी, स्वतंत्रता पूर्वक आकाश में विचरण करती थी परन्तु अब इन विशेषताओं को वह नष्ट करने पर तुली है।

Solution 9

कवि के लिए लोहे की हथकड़ियाँ गहनों के समान है । कवि अँग्रेज सरकार द्वारा पहनाई गई उन बेड़ियों को बंधन नहीं समझता है क्योंकि उन्होंने ने किसी गलत कार्य के लिए ये बेड़ियाँ नहीं पहनी है अत: उनके लिए यह गौरव की बात है कवि ने हथकड़ियों को गहना इसी  उद्देश्य से कहा है।

Makhanlal Chaturvedi Exercise प्रश्न -अभ्यास

Solution 10

इन कविता की पंक्तियों में कवि ने नौ बार काली शब्द का प्रयोग किया है। शब्द तो एक ही है परन्तु भिन्न -भिन्न अर्थों में इसका प्रयोग किया गया है। कही पर यह शब्द अँग्रेज सरकार के काले शासन को संबोधित कर रहा है तो कहीं वातावरण की कालिमा और निराशा को उजागर कर रहा है

Solution 11 - ख

भाव - सौंदर्य - यहाँ पर कवि और कोयल के जीवन का  तुलनात्मक वर्णन हुआ है। कोयल के गीत जहाँ सब ओर से प्रशंसा पाता हैं वही कवि का रोना अर्थात् अपनी बात को व्यक्त करना भी गुनाह माना जाता है।

शिल्प - सौंदर्य -कवि ने यहाँ तुकबंदी का प्रयोग किया है। तेरी मेरी, वह गुनाह में स्वर मैत्री तथा अनुप्रास अलंकार है।

Makhanlal Chaturvedi Exercise रचना और अभिव्यक्ति

Solution 11 - क

भाव सौंदर्य - कवि ने यहाँ पर प्रश्नात्मक शैली में कोयल की इस वेदनापूर्ण आवाज़ पर अपनी आशंका व्यक्त की है। कोयल ने ऐसा क्या देख लिया है जिसके कारण वह इतनी व्यथित है।

शिल्प - सौंदर्य - दावानल की ज्वालाएँ में रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है। भाषा तत्सम शब्द युक्त खड़ी बोली है। भाषा में सहजता और सरलता है।

Solution 12

कवि ने कोयल के भिन्न स्वर के कारण यहाँ कोकिला की ही बात की है। कोयल वैसे भी रात को नहीं बोलती उसका इस प्रकार बोलना कवि को अन्दर तक छू लेता  है। अत:रात को उसका इस प्रकार पुकारना किसी संकट का प्रतीक है।

Solution 13

ब्रिटिश सरकार स्वतंत्रता सैनानियों और अपराधियों में कोई अंतर नहीं समझती थी। सरकार के लिए दोनों ही दोषी थे। सरकार क्रांतिकारियों की आज़ादी की माँग को दबाना चाहती थी। स्वतंत्रता सैनानियों के मनोबल को तोड़ने के लिए तथा भारत पर अपनी सत्ता कायम रखने के लिए वे दोनों के साथ समान व्यवहार करती थी।

Get Latest Study Material for Academic year 24-25 Click here
×