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Class 8 NCERT Solutions Hindi Chapter 1 - Dhwani

Dhwani Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution 1

कवि को ऐसा विश्वास इसलिए है क्योंकि अभी उसके मन में नया जोश व उमंग है। अभी उसे काफ़ी नवीन कार्य करने है। वह युवा पीढ़ी को आलस्य की दशा से उबारना चाहते हैं। 

Solution 2

फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि उन्हें कलियों की स्थिति से निकालकर खिले फूल बनाना चाहता है। कवि का मानना है कि उसके जीवन में वसंत आया हुआ है। इसलिए वह कलियों को हाथों के वासंती स्पर्श से खिला देगा। वह फूलों की आँखों से आलस्य हटाकर उन्हें चुस्त व जागरूक करना चाहता है 

Solution 3

कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए उन पर अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है। वह उनको चुस्त, प्राणवान, आभावान व पुष्पित करना चाहता है। 

अतः कवि नींद में पड़े युवकों को प्रेरित करके उनमें नए उत्कर्ष के स्वप्न जगह देगा, उनका आलस्य दूर भगा देगा तथा उनमें नये उत्साह का संचार करना चाहता है। 

Solution 4

वसंत को ऋतुराज कहा जाता है क्योंकि यह सभी ऋतुओं का राजा है। इस ऋतु में प्रकृति पूरे यौवन होती है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है। मौसम सुहावना हो जाता है। इस समय पंचतत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पंचतत्व जल, वायु, धरती, आकाश और अग्नि सभी अपना मोहक रूप दिखाते हैं। पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। आम बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं। सरसों के पीले फूल ऋतुराज के आगमन की घोषणा करते हैं। खेतों में फूली हुई सरसों, पवन के झोंकों से हिलती, ऐसी दिखाई देती है, मानो, सामने सोने का सागर लहरा रहा हो। कोयल पंचम स्वर में गाती है और सभी को कुहू-कुहू की आवाज़ से मंत्रमुग्ध करती है। इस ऋतु में उसकी छठा देखते ही बनती है। इस ऋतु में कई प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं, जैसे - वसंत पंचमी, महा शिवरात्रि, होली आदि।

Solution 5

वसंत ऋतु में कई त्यौहार मनाए जाते है, जैसे - वसंत-पंचमी, महा शिवरात्रि, होली आदि। 

 होली  

हमारा देश भारत विश्व का अकेला एवं ऐसा अनूठा देश है, जहँ पूरे साल कोर्इ न कोर्इ त्योहार मनाया जाता है। रंगों का त्योहार होली हिंदुओं का प्रसि़द्ध त्योहार है, जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। 

यह त्योहार रंग एवं उमंग का अनुपम त्योहार है जब वसंत अपने पूरे यौवन पर होता है। सर्दी को विदा देने और ग्रीष्म का स्वागत करने के लिए इसे मनाया जाता है। संस्कृत साहित्य में इस त्योहार को 'मदनोत्सव' के नाम से भी पुकारा जाता है। 

होली के संबंध में एक पौराणिक कथा प्रचलित है कि भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद को अग्नि में जलाने के प्रयास में उसकी बुआ 'होलिका' अग्नि में जलकर स्वाहा हो गर्इ थी। इसी घटना को याद कर प्रतिवर्ष होलिका दहन किया जाता है। दूसरे दिन फाग खेला जाता है। इस दिन छोटे-बड़े, अमीर-गरीब आदि का भेदभाव मिट जाता है। सब एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं, गुलाल लगाते हैं और गले मिलते हैं। चारों ओर आनंद, मस्ती और उल्लास का समाँ बँध जाता है। ढोल पर थिरकते, मजीरों की ताल पर झूमते, नाचते-गाते लोग आपसी भेदभाव भुलाकर अपने शत्रु को भी गले लगा लेते हैं। परन्तु कुछ लोग अशोभनीय व्यवहार कर इस त्योहार की पवित्रता को नष्ट कर देते हैं। 

हमारा कर्तव्य है कि हम होली का त्योहार उसके आदर्शो के अनुरूप मनाएँ तथा आपसी वैमनस्य, वैर-भाव, घृणा आदि को जलाकर एक-दूसरे पर गुलाल लगाकर आपस में प्रेम, एकता और सद्भाव बढ़ाने का प्रयास करें। 

"होली के अवसर पर आओ एक दूजे पर गुलाल लगाएँ 

अपने सब भेदभाव भूलाकर, प्रेम और सद्भाव बढाएँ"

Dhwani Exercise भाषा की बात

Solution 1

बातों-बातों में - बातों-बातों में कब घर आ गया पता ही नहीं चला 

रह-रहकर -  कल रात से रह-रहकर बारिश हो रही है 

लाल-लाल -  लाल-लाल आँखों से पिताजी अमर को घूर रहें थे 

सुबह-सुबह - दादीजी सुबह-सुबह ही पूजा करने मंदिर निकल जाती हैं 

रातों-रात - ईश्वर की कृपा से रामन रातों-रात अमीर हो गया 

घड़ी-घड़ी - घड़ी-घड़ी शिक्षक उसे पढ़ाई में ध्यान लगाने के लिए टोकते रहते थे 

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