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Class 8 NCERT Solutions Hindi Chapter 2 - Lankh ki Chudiyan

Lankh ki Chudiyan Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution 1

बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से इसलिए जाता था क्योंकि लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहता था। लेखक को बदलू काका से अत्यधिक लगाव था। वह लेखक को ढेर सारी लाख की रंग-बिरंगी गोलियाँ देता था इसलिए लेखक अपने मामा के गाँव चाव से जाता था। 

गाँव के सभी लोग बदलू को 'बदलू काका' कहकर बुलाते थे इस कारण लेखक भी 'बदलू मामा' न कहकर 'बदलू काका' कहता था।

Solution 2

'वस्तु विनिमय' में एक वस्तु को दूसरी वस्तु देकर लिया जाता था। वस्तु के लिए पैसे नहीं लिए जाते थे। वस्तु के बदले वस्तु ली-दी जाती थी। किन्तु अब मुद्रा के चलन के कारण वर्तमान परिवेश में वस्तु का लेन-देन मुद्रा के द्वारा होता है। विनिमय की प्रचलित पद्धति पैसा है। 

Solution 3

इस पांति में लेखक ने कारीगरों की व्यथा की ओर संकेत किया है कि मशीनों के आगमन के साथ कारीगरों के हाथ से काम-धंधा छिन गया। मानो उनके हाथ ही कट गए हों। उन कारीगरों का रोजगार इन पैतृक काम धन्धों से ही चलता था। उसके अलावा उन्होंने कभी कुछ नहीं सीखा था। वे पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी इस कला को बढ़ाते चले आ रहे हैं और साथ में रोज़ी रोटी भी चला रहें हैं। परन्तु मशीनी युग ने जहाँ उनकी रोज़ी रोटी पर वार किया है। मशीनों ने लोगों को बेरोजगार बना दिया। 

Solution 4

बदलू लाख की चूड़ियाँ बेचा करता था परन्तु जैसे-जैसे काँच की चूडियों का प्रचलन बढ़ता गया उसका व्यवसाय ठप पड़ने लगा। अपने व्यवसाय की यह दुर्दशा बदलू को मन ही मन कचौटती थी। बदलू के मन में इस बात कि व्यथा थी कि मशीनी युग के प्रभावस्वरुप उस जैसे अनेक कारीगरों को बेरोजगारी और उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अब लोग कारीगरी की कद्र न करके दिखावटी चमक पर अधिक ध्यान देते हैं। यह व्यथा लेखक से छिपी न रह सकी।  

Solution 5

मशीनी युग से बदलू के जीवन में यह बदलाव आया की बदलू का व्यवसाय बंद हो गया। वह बेरोजगार हो गया। काम न करने से उसका शरीर भी ढल गया, उसके हाथों-माथे पर नसें उभर आईं। अब वह बीमार रहने लगा। 

Solution 6

लाख की वस्तुओं का निर्माण सर्वाधिक उत्तरप्रदेश में होता है। लाख से चूड़ियाँ, मूर्तियाँ, गोलियाँ तथा सजावट की वस्तुओं का निर्माण होता है। 

Lankh ki Chudiyan Exercise भाषा की बात

Solution 1

व्यंग्य वाक्य - 'अब पहले जैसी औलाद कहाँ?'

व्याख्या - आजकल किसी भी बुजुर्ग के मुख से आमतौर पर यह सुनने मिलता है जिसमें उनके हृदय में छिपा दुःख और व्यंग्य देखने मिलता है। उनका मानना है कि आजकल की संतान बुजुर्गों को अधिक सम्मान नहीं देती। 

Solution 2

(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा - बदलू, बेलन, मचिया। 

(ख) जातिवाचक संज्ञा - आदमी, मकान, शहर। 

(ग) भाववाचक संज्ञा - स्वभाव, रूचि, व्यथा। 

Solution 3

इंसान - मनुष्य 

रंज - दुख 

गम - मायूसी 

ज़िंदगी - जीवन 

औलाद - संतान   

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