Request a call back

Join NOW to get access to exclusive study material for best results

Class 7 NCERT Solutions Hindi Chapter 9 - Chidiya Ki Bachhi

Chidiya Ki Bachhi Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution 1

माधवदास ने अपनी कोठी संगमरमर से बनवाई थी, उनके पास धन की कोई कमी न थी, वे चिड़िया से यह भी कहते हैं कि उनके पास बहुत सा सोना-मोती है, वे  उसके लिए सुंदर-सा सोने का घर बनवा देंगे जिसमें मोतियों की झालर लटकी होगी आदि बातों से हमें पता चलता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था।

 

 शाम को स्वप्न की भाँति गुजारना, पर जी भरकर भी कुछ खाली सा रहता है, मेरा महल भी सूना है, वहाँ कोई चहचहाता नहीं है, तुम्हें देखकर मेरी रागनियों का दिल बहलेगा, मेरा दिल वीरान है वहाँ कब हँसी सुनने को मिलती है आदि बातों से पता चलता है कि संपन्न होने के बावजूद माधवदास सुखी नहीं थे।  

Solution 2

माधवदास का बार-बार चिड़िया से यह कहना कि यह बगीचा तुम्हारा ही है यह दर्शाता है कि उन्हें वह चिड़िया बड़ी प्यारी लगी अत: वे उस चिड़िया को अपने पास ही रखना चाहते थे। 

माधवदास का यह कहना पूरी तरह से निःस्वार्थ मन से नहीं कहा गया था क्योंकि चिड़िया को देखने के पश्चात अब वे उस चिड़िया को अपने बगीचे में अपनी मन-संतुष्टि के लिए रखना चाहते थे। 

Solution 3

चिड़िया और माधवदास के मनोभावों में मुख्य अंतर भावनात्मक सुख और भौतिक सुख का था। एक तरफ़ माधवदास के लिए धन-संपत्ति से बढ़कर जीवन में कुछ नहीं था परन्तु दूसरी तरफ़ चिड़िया के लिए ये सारी सुख-सुविधाएँ व्यर्थ थी। उसके लिए अपनी माँ की गोद से प्यारा कुछ नहीं था। इसी कारण चिड़िया जहाँ माधवदास के बार-बार समझाने पर भी सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। वहीँ दूसरी ओर धन को ही सर्वोपरि समझने के कारण माधवदास को चिड़िया की घर जाने की ज़िद बेतुकी लग रही थी। 

Solution 4

कहानी के अंत में नन्हीं चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलना और सीधे अपनी माँ की गोद में पहुँचना की बात पढ़कर हमें अति आनंद हुआ। 

यदि इस कहानी का सुखद अंत न होता तो जीवन भर नन्हीं चिड़िया को पिंजरे में रहना पड़ता। वह कभी स्वछंदता की उड़ान न भर पाती और न ही अपनी माँ से मिल पाती। अत: नन्हीं चिड़िया का लालच में न फँसना और सुरक्षित भाग निकलना यह भी बताता है कि स्वतंत्रता से अमूल्य कुछ भी नहीं है। 

Solution 5

कहते हैं ईश्वर सभी जगह उपस्थित नहीं रह सकता इसीलिए उसने धरती पर माँ को भेजा जो हर मुश्किल की घड़ी में हमारे साथ रहती है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसकी माँ का होना किसी वरदान से कम नहीं होता। एक बच्चे के लिए उसकी माँ की अहमियत दुनिया में सबसे अधिक होती है। वह न केवल बच्चे को जन्म देती है बल्कि उसका सही ढंग से पालन-पोषण भी करती है। वही बच्चे की पहली दोस्त और अध्यापिका भी होती है। आप कहीं भी चले जाएँ कितने ही बड़े क्यों ना हो जाएँ लेकिन आपको आत्मिक सुकून अपनी माँ के साथ ही मिलता है उसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता। 

Solution 6

इस कहानी के लिए हम अन्य शीर्षक 'सच्चा सुख' दे सकते हैं क्योंकि यहाँ पर जीवन में सच्चा सुख क्या होता है वह एक छोटी सी चिड़िया के माध्यम से बताया गया है। 

Solution 7

ऋतु चक्र,सूर्य और चाँद का उदित और अस्त होना, तारों का रात में चमकना, पृथ्वी का सूर्य के चारों और चक्कर लगाना, पशुओं का भी दिनभर घूम-फिर शाम के समय घर लौटना आदि सभी भी अनुशासन का पालन करते हैं। 

Solution 8

सारी सुख-सुविधा मिलने पर भी हम 'स्वाधीनता' ही स्वीकार करेंगे न कि 'प्रलोभनों वाली पराधीनता', क्योंकि सुविधाएँ कितनी भी क्यों न मिल जाएँ रहना तो हमें किसी के आधीन ही है। 

पराधीन व्यक्ति दूसरों के आधीन रहने के कारण सुख से सदा वंचित ही रहता है। 

Chidiya Ki Bachhi Exercise भाषा की बात

Solution 1

1. जामुन के पेड़ पर तोता बैठा है। 

2. उस मोर के पर कितने सुंदर हैं। 

3. राधा का रीना पर बहुत अहसान है। 

Solution 2

अइयो - आओ  

करियो - करना  

दियो - देना  

Get Latest Study Material for Academic year 24-25 Click here
×