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Class 9 EVERGREEN PUBLICATION Solutions Hindi Chapter 1 - Saakhi [Poem]

Saakhi [Poem] Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution क-i

कबीरदास ने गुरु का स्थान ईश्वर से श्रेष्ठ माना है। कबीर कहते है जब गुरु और गोविंद (भगवान) दोनों एक साथ खडे हो तो गुरु के श्रीचरणों मे शीश झुकाना उत्तम है जिनके कृपा रुपी प्रसाद से गोविंद का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। गुरु ज्ञान प्रदान करते हैं, सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं, मोह-माया से मुक्त कराते हैं। 

Solution क-ii

कबीर के अनुसार गुरु परमात्मा से मिलने का रास्ता दिखाता है। 

Solution क-iii

इस पंक्ति द्वारा कबीर का कहते है कि जब तक यह मानता था कि 'मैं हूँ', तब तक मेरे सामने हरि नहीं थे। और अब हरि आ प्रगटे, तो मैं नहीं रहा। अँधेरा और उजाला एक साथ, एक ही समय, कैसे रह सकते हैं? जब तक मनुष्य में अज्ञान रुपी अंधकार छाया है वह ईश्वर को नहीं पा सकता अर्थात् अहंकार और ईश्वर का साथ-साथ रहना नामुमकिन है। यह भावना दूर होते ही वह ईश्वर को पा लेता है। 

Solution क-iv

यहाँ पर 'मैं' और 'हरि' शब्द का प्रयोग क्रमशः अहंकार और परमात्मा के लिए किया है। 

Solution ख-i

शब्द  

अर्थ 

पाहन  

पत्थर 

पहार  

पहाड़  

मसि  

स्याही  

बनराय 

वन 

 

Solution ख-ii

इस दोहे द्वारा कवि ने मूर्ति-पूजा जैसे बाह्य आडंबर का विरोध किया है। कबीर मूर्ति पूजा के स्थान पर घर की चक्की को पूजने कहते है जिससे अन्न पीसकर खाते है। 

Solution ख-iii

प्रस्तुत पंक्ति में कबीरदास ने मुसलमानों के धार्मिक आडंबर पर व्यंग्य किया है। एक मौलवी कंकड़-पत्थर जोड़कर मस्जिद बना लेता है और रोज़ सुबह उस पर चढ़कर ज़ोर-ज़ोर से बाँग (अजान) देकर अपने ईश्वर को पुकारता है जैसे कि वह बहरा हो। कबीरदास शांत मन से भक्ति करने के लिए कहते हैं। 

Solution ख-iv

कबीर साधु-सन्यासियों की संगति में रहते थे। इस कारण उनकी भाषा में अनेक भाषाओँ तथा बोलियों के शब्द पाए जाते हैं। कबीर की भाषा में भोजपुरी, अवधी, ब्रज, राजस्थानी, पंजाबी, खड़ी बोली, उर्दू और फ़ारसी के शब्द घुल-मिल गए हैं। अत: विद्‌वानों ने उनकी भाषा को सधुक्कड़ी या पंचमेल खिचड़ी कहा है। 

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