EVERGREEN PUBLICATION Solutions for Class 9 Hindi Chapter 10 - Matru Mandir Ki Or [Poem]
Chapter 10 - Matr Mandir Ki Or [Poem] Exercise प्रश्न-अभ्यास
कवयित्री का हृदय व्यथित है।
कवयित्री अपनी व्यथा को दूर करने के लिए मातृ मंदिर जाना चाहती है।
मातृ मंदिर का मार्ग दुर्गम है।
व्यथित - दुखी
नयन-जल - आँसू
दुर्गम - जहाँ जाना कठिन हो
मार्ग के बाधक पहरेदार है।
कवयित्री के पैर दुर्बल हैं और वो ऊँची सीढ़ियाँ चढ़ने में असमर्थ से इसलिए वह भगवान से सहायता माँग रही है।
कवियित्री को माँ के मंदिर में जगमगाते दीपों का ज्योति पुंज दिखाई दे रहा है।
सोपान - सीढ़ियाँ
शीघ्रता - जल्दी
दुर्बल - कमजोर
कवियित्री को माँ के मंदिर में जगमगाते दीपों का ज्योति पुंज दिखाई दे रहा है तथा वाद्य भी सुनाई दे रहे है इसलिए वे मातृ भूमि के चरणों में जाना चाहती है।
कवयित्री माँ को फरियाद सुनाना चाहती है।
मातृ-वेदी पर से पुकार हो रही है।
स्फूर्ति - उत्तेजना
फरियाद - याचना
कवयित्री कहती है कि माँ का हृदय उदार होता है वह अपने संतान के दोषों पर ध्यान नहीं देती। उसे अपने संतान पर गर्व होता है।
कवयित्री मरने के लिए तैयार है।
कवयित्री मातृभूमि की रक्षा में बलिदान के पथ पर बढ़ना चाहती है।
अत्याचार - जुल्म
मातृ-मंदिर - माता की मंदिर जिस मंदिर में विराजमान है
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