EVERGREEN PUBLICATION Solutions for Class 10 Hindi Chapter 7 - Vinay Ke Pad [Poem]
Chapter 7 - Vinay Ke Pad [Poem] प्रश्न-अभ्यास
तुलसीदासजी भगवान श्री राम के भजन के लिए कह रहे हैं।
श्री राम ने जटायु जैसे सामान्य गीध पक्षी और शबरी जैसी सामान्य स्त्री को परम गति प्रदान की।
रावण ने भगवान शंकर को अपने दस सिर अर्पण करके वैभव की प्राप्ति की।
रावण ने जो संपत्ति अपने दस सिर अर्पण करके प्राप्त की थी उसे श्री राम ने अत्यंत संकोच के साथ विभीषण को दे दी।
कवि के अनुसार जिन लोगों के प्रिय राम-जानकी जी नहीं है उनका त्याग करना चाहिए।
प्रह्लाद ने अपने पिता हिरण्यकशिपु को, विभीषण ने अपने भाई रावण को, बलि ने अपने गुरु शुक्राचार्य को और ब्रज की गोपियों ने अपने-अपने पतियों को भगवान प्राप्ति को बाधक समझकर त्याग दिया।
नहीं जिस अंजन को लगाने से आँखें फूट जाएँ वो किसी काम का नहीं होता है।
उपर्युक्त पद द्वारा तुलसीदास श्री राम की भक्ति का संदेश दे रहे है। तथा भगवान प्राप्ति के लिए त्याग करने को भी प्रेरित कर रहे हैं।
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