ICSE Class 10 Answered
दुर्योधन – हस्तिनापुर सम्राट धृतराष्ट्र का ज्येष्ठ पुत्र है। दुर्योधन बचपन से ही क्रोधी और ईर्ष्यालु प्रकृति का है। वह बचपन से ही अपने पांडव भाइयों से ईर्ष्या करता है। कपटी होने के कारण कपट से अपने ही भाइयों का अधिकार छीन लेता है। दुर्योधन अति महत्त्वाकांक्षी है वह राज्य पर अपना एकाधिकार चाहता है इसलिए वह सुई की नोक के बराबर जमीन भी अपने पांडव भाइयों के साथ बाँटना नहीं चाहता। दुर्योधन अनैतिक और अधार्मिक भी है वह कई छल और कपट से अपने भाइयों के साथ अन्याय करता ही रहता था वह अपनी ही भाभी द्रौपदी का चीरहरण करवाता है। निहत्थे अभिमन्यु का वध करवा देता है। वह किसी बड़े की बात का भी सम्मान नहीं करता था।
युधिष्ठिर – युधिष्ठिर पांडव में सबसे ज्येष्ठ पुत्र है। सत्यवादी होने के कारण उसे धर्मराज की संज्ञा दी गयी है। युधिष्ठिर न्यायी हैं और सदा धर्म के मार्ग का अनुसरण करते हैं। सहनशील, संयमी और धैर्यवान स्वभाव होने के कारण अपने अधिकार के लिए धैर्यपूर्वक लड़ते रहते हैं। बड़ों का सम्मान, विनयशील, न्याय प्रिय और धार्मिक हैं।