CBSE Class 6 Answered
पचास से अधिक पुस्तकों के लेखक पंडित सुदर्शन के नाम से प्रसिद्ध साहित्यकार का वास्तविक नाम बद्रीनाथ भट्ट (शर्मा) था। उनका जन्म 1896 में स्यालकोट पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता पण्डित गुरुदित्तामल्ल गवर्नमेंट प्रेस शिमला में काम करते थे।मुंशी प्रेमचंद और उपेन्द्रनाथ अश्क की तरह पंडित सुदर्शन हिन्दी और उर्दू में लिखते रहे हैं। उनकी पहली उर्दू कहानी तब प्रकाशित हुई जब वे छठी कक्षा के छात्र थे। उसके बाद लाहौर की उर्दू पत्रिका हज़ार दास्ताँ में उनकी अनेक कहानियां छपीं।पंडित सुदर्शन ने 1913 कॉलेज छोड़ने के बाद लाहौर से प्रकाशित होने वाले उर्दू साप्ताहिक "हिंदोस्तान" के संपादकीय विभाग में नौकरी आरंभ की। उसके बाद उन्होने क्रम से चार उर्दू पत्रों, भारत, चंद्र, आर्य पत्रिका, व आर्य गज़ट का सम्पादन किया। उन्होने अखबार चलाये और साथ ही कहानियाँ लिखते रहे। उनकी पुस्तकें मुम्बई के हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय द्वारा भी प्रकाशित हुईं। उन्हें गद्य और पद्य दोनों ही में महारत थी। पंडित जी की पहली प्रकाशित हिन्दी कथा उनकी सबसे प्रसिद्ध कहानी हार की जीत है जो कि १९२० में प्रतिष्ठित हिन्दी साहित्यिक पत्रिका सरस्वती में प्रकाशित हुई थी। उनकी कहानियों में मानवीय तत्व की प्रमुखता है।