CBSE Class 10 Answered
जोसेफ़ एंड मेरी स्कूल
ब्लाक-एन, अलीपुर
पश्चिमबंगाल - 42
दिनाँक - 15 जुलाई 2010
प्रिय अजय
चिरंजीव रहो।
कल ही पिता जी का पत्र प्राप्त हुआ। उस पत्र को पढ़कर पता चला कि तुम अधिकांश समय खेलकूद में तथा मित्रों के साथ व्यर्थ के वार्तालाप में नष्ट कर देते हो। इसी कारण तुम कक्षा में दूसरे स्थान पर रहे। अभी तक ऐसा कभी नहीं हुआ था। यह उचित नहीं है। मन को एकाग्र करके पढ़ार्इ की ओर ध्यान दो। अपनी दिनचर्या नियमित करो और हर क्षण अपने लक्ष्य पर दृष्टि रखो। तुम्हें ज्ञात होगा कि जितने भी महान व्यक्ति हुए हैं, उन्होंने अपने जीवन के एक क्षण को भी व्यर्थ नहीं जाने दिया। प्रिय अजय याद रखो, समय संसार का सबसे बड़ा शासक है। समय का मूल्य समझना है। यह बात ठीक है कि जीवन में मनोरंजन का भी महत्त्व है, पर मेहनत का पसीना बहाने के बाद।
यदि तुम एकाग्र मन से नहीं पढ़ोगे, तो परीक्षा में असफल होने के कारण तुम्हारा भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा। अपना ध्यान पढ़ार्इ में लगाओ। ऐसे मित्रों से दूर रहो जो तुम्हारा ध्यान पढ़ाई से भटकाते हो।
इसी आशा के साथ पत्र समाप्त करता हूँ कि तुम मेरी बातों पर ध्यान केंद्रित करोगे और आगामी परीक्षा में हमें तुम निराश नहीं करोगे।
तुम्हारा अग्रज
रोनित