तितलियों की नाजुक दुनिया से कवि का क्या अभिप्राय है
तितलियों की नाजुक दुनिया से कवि का अभिप्राय आकाश में तितलियों की भाँति मँडराती और लहराती रंगीन पतंगों से है।
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