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CBSE Class 10 Vyakran Revision Notes for Idioms and Proverbs

अक्ल के पीछे लठ लिए फिरना

समझाने पर भी न मानना

देखने के लिए लालायित होना

अप्रिय व्यक्ति

लज्जित होना

नींद आना

दूसरे पर आश्रित होना

फिजूल समय बिताना

कुछ असर न होना

कठोर श्रम करना

अत्यंत गरीब होना

भाग जाना

मृत्यु समीप होना

उदास होना

अच्छी तरह काबू करना

चुरा लेना

असर पड़ना

जबरदस्ती किसी को कोई काम सौंपना

दिल ललचाना

शांति भंग कर देना

चुप कर देना

रहस्य प्रकट हो जाना

अपमानित करना

भाग जाना



वाक्य प्रयोग सहित कुछ लोकोक्तियाँ

  1. एक पंथ दो काज (एक के काम से दूसरे का भी हो जाना) 
    वाक्य प्रयोग: आगरा जाने से एक पंथ दो काज होगें कवि सम्मलेन में भाग लेने के साथ ताजमहल भी देखने को मिलेगा।

  2. एक हाथ से ताली नहीं बजती (झगड़ा एक ओर से नहीं होता)
    वाक्य प्रयोग:  दोनों ही अपने आप को निर्दोष बता रहे हैं परन्तु ये तो सबको पता है ताली एक हाथ से नहीं बजती।

  3. एक तो चोरी दूसरी सीनाजोरी- गलत काम करके आँखें दिखाना
    वाक्य प्रयोग: एक मेरी ही दुकान में चोरी करते पकड़े गए और उस पर से मान भी नहीं रहे हो इसी को तो कहते हैं एक तो चोरी दूसरी सीनाजोरी।


  4. ऊँची दुकान फीका पकवान (केवल ऊपरी दिखावा करना)
    वाक्य प्रयोग: पास के अनेक स्टोर बड़े प्रसिद्ध है, पर सब घटिया दर्जे का माल बेचते हैं। इसे कहते हैं- ऊँची दुकान फीका पकवान।

  5. थोथा चना बाजे घना (जिसमें गुण नहीं होता वह दिखावा करता है)
    वाक्य प्रयोग: सीमा को पढ़ना लिखना क्या आ गया, सबको खुद बहुत पढ़ी है कहती फिरती है तभी तो गाँव के लोग कहते है- थोथा चना बाजे घना।

  6. न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी (कारण के नष्ट होने पर कार्य न होना)
    वाक्य प्रयोग: दहेज देने की मुसीबत से बचने के लिए सरला ने विवाह न करने का निश्चय किया। उसने सोचा न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी।

     

  7. दूध का दूध पानी का पानी (सच और झूठ का ठीक फैसला)
    वाक्य प्रयोग: न्यायाधीश ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिखाया।

  8. अंत भला सो भला (जिसका परिणाम अच्छा है, वह सर्वोत्तम है)
    वाक्य प्रयोग: राज पढ़ने में कमजोर था, लेकिन परीक्षा का समय आते-आते पूरी तैयारी कर ली और परीक्षा उत्तीर्ण की। इसी को कहते हैं अंत भला सो भला।

  9. दूर के ढोल सुहावने (जो चीजें दूर से अच्छी लगती हों)
    वाक्य प्रयोग: उस शहर की बहुत प्रशंसा सुनते थे किन्तु जरा भी अच्छा नहीं था देखा तो पता चला-दूर के ढोल सुहावने।

  10. सावन हरे न भादों सूखे (सदैव एक-सी स्थिति में रहना)
    वाक्य प्रयोग: सरकार किसी की भी हो गरीबों के लिए तो सावन हरे न भादों सूखे।

  11. काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती (धोखा-धड़ी से एक बार ही काम निकलता है)
    वाक्य प्रयोग: एक बार बचने का यह अर्थ नहीं कि तुम अपनी काठ की हाँडी बार-बार चढ़ा लोगे।

  12. ऊँट के मुँह में जीरा (आवश्कता से काम वस्तु)
    वाक्य प्रयोग: पहलवान भीखम के सामने एक गिलास दूध का रखना मानो ऊँट के मुँह में जीरा रखने के समान हो।

  13. का वर्षा जब कृषि सुखाने (समय बीत जाने पर सहायता करने से कोई लाभ नहीं होता)
    वाक्य प्रयोग: मोहन को व्यापार में नुकसान होने पर तो किसी ने मदद नहीं की और जब पूरा दिवाला निकल गया तो लोग मदद के लिए आने लगे इसे कहते हैं, का वर्षा जब कृषि सुखाने।

  14. एक ही थैली के चट्टे-बट्टे (एक ही प्रवृत्ति के लोग)
    वाक्य प्रयोग: सुनो भाई, रोमन और सोमा दोनों पर ही विश्वास न करना दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।

  15. ऐरा गैरा नत्थू खैरा (मामूली आदमी)
    वाक्य प्रयोग: ये कोई ऐरा गैरा नत्थू खैरा नहीं बल्कि राजमिलन कंपनी के मालिक हैं।

 

अर्थ- सहित कुछ अन्य लोकोक्तियाँ

लोकोक्ति

अर्थ

  • ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डर

कष्ट सहने वाले व्यक्ति को कष्ट से डर नहीं लगता

  • कोयले की दलाली में मुँह काला

बुरों के साथ बुराई ही मिलती है

  • करे कोई भरे कोई

अपराध कोई करे दंड किसी और को मिले

  • जल में रहकर मगर से वैर

किसी के आश्रय में रहकर उससे शत्रुता मोल लेना

  • काम का न काज का दुश्मन अनाज का

किसी काम का न होना

  • घर का भेदी लंका ढाए

आपसी फूट के कारण भेद खोलना

  • खोदा पहाड़ निकली चुहिया

बहुत अधिक परिश्रम का थोड़ा-सा लाभ मिलना

  • अधजल गगरी छलकत जाए

कम गुण वाला व्यक्ति दिखावा बहुत करता है

  • अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गई खेत

समय निकल जाने पर पछताने से क्या लाभ

  • गरजने वाले बादल बरसते नहीं हैं

बढ़ चढ़ कर बोलने वाले काम नहीं करते

  • नाच न जाने आँगन टेढ़ा

काम करना नहीं आना और बहाने बनाना

  • मन चंगा तो कठौती में गंगा

यदि मन पवित्र है तो घर ही तीर्थ है

  • घर की मुर्गी दाल बराबर

घर की वस्तु और व्यक्ति को महत्त्व न देना

  • दोनों हाथों में लड्डू

दोनों ओर से लाभ

  • नया नौ दिन पुराना सौ दिन

नई वस्तुओं का विश्वास नहीं होता, पुरानी वस्तु टिकाऊ होती है

  • बिन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीख

माँगे बिना अच्छी वस्तु की प्राप्ति हो जाती है, माँगने पर साधारण भी नहीं मिलती

  • लातों के भूत बातों से नहीं मानते

शरारती समझाने से वश में नहीं आते

  • चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए

बहुत कंजूस होना

  • बगल में छुरी मुँह में राम

भीतर से शत्रुता और ऊपर से मीठी बातें

 
 

ध्यान दें (Points to remember)

मुहावरा सामान्य अर्थ की बजाए विशेष अर्थ का बोध कराता है।

लोकोक्ति में लोगों का अनुभव होता है। यह अपने आप में पूरा वाक्य होती है। 

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