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CBSE Class 9 Answered

Sir/mam.
could you please explain me the last two paragraphs of megh aaye poem
Asked by bis0584 | 12 Mar, 2015, 10:41: PM
answered-by-expert Expert Answer

मित्रवर आपके प्रश्न के लिए धन्यवाद।

बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,

बरस बाद सुधि लीन्हीं’-

बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,

हरसाया ताल लाया पानी परत भर के |

मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के |

 

कवि कहते है कि आकाश में बादल सज-सँवर कर आ गए हैं । गर्मी से व्याकुल लोग जैसे किवाड़ के पीछे छिपकर मानो मेघ को उलाहना देते कह  रहे है कि मेघ ! तुमने वर्ष भर बाद हमारी सुध ली है । गाँव का तालाब भी जैसे मेघ के आने की खुशी में पानी की परात भर लाया । गाँव के बड़े बुजुर्ग सदस्य पीपल आगे बढ़कर मेहमान का स्वागत करते हैं ।

 

क्षितीज अटारी गहराई दामिनि दमकी,

क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’,

बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके |

मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के |

 कवि कहते है कि जिस प्रकार अतिथि के आने पर लोगों का जमघट लग जाता है उसी प्रकार मेघ के आने पर आकाश में बादल सघन होकर छा गए हैं । नायिका को यह भ्रम था कि उसके प्रिय अर्थात् मेघ नहीं आएँगे परन्तु बादल रूपी नायक के आने से उसकी सारी शंकाएँ मिट जाती है और वह क्षमा याचना करने लगती है।

 

अध्ययन के लिए हमारी हार्दिक शुभकामनाएँ ।
अध्ययन के लिए हमारी हार्दिक शुभकामनाएँ ।
Answered by Rajeshree Agotaria | 13 Mar, 2015, 11:18: AM
CBSE 9 - Hindi
Asked by badesraajay | 23 Aug, 2015, 08:30: PM
ANSWERED BY EXPERT ANSWERED BY EXPERT
CBSE 9 - Hindi
Asked by bis0584 | 12 Mar, 2015, 10:41: PM
ANSWERED BY EXPERT ANSWERED BY EXPERT
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